कर्ज के जरिए अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की राह खोज रहा पााकिस्तान, अब इन पर टिकी है उम्मीद…
पाकिस्तान पाई-पाई को मोहताज हो रहा है। IMF से कर्ज न मिलने की वजह से उसकी परेशानी बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में अब उसकी योजना अलग-अलग जगहों से कर्ज लेने की है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफता इस्माइल के मुताबिक देश की इकानामी को सुधारने के लिए सरकार अपने मित्र राष्ट्रों से 4 अरब डालर जुटाएगी। इस्माइल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया है कि विदेशी मुद्रा भंडार के अंतर को कम करने के लिए ऐसा किया जाएगा। उनके मुताबिक पाकिस्तान IMF कर्ज के लिए स्टाफ लेवल एग्रीमेंट तक पहुंच चुका है। उन्हें उम्मीद है कि वहां से करीब 1.18 अरब डालर की रकम हासिल हो जाएगी।
आईएमएफ से उम्मीद
उनके मुताबिक बोर्ड वर्ष 2019 में हुए एग्रीमेंट के हिसाब से पाकिस्तान को 1 से 6 अरब डालर की राशि भी उपलब्ध कराएगा। वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि IMF ने 4 अरब डालर के अंतर की बात मान ली है। उन्होंने कहा कि इस गैप को जुलाई में ही पूरा कर दिया जाएगा। इस राशि से पाकिस्तान मित्र राष्ट्रों को तेल की पेमेंट के तौर पर 1.2 अरब डालर को भुगतान करेगा।
मित्र राष्ट्राें से 2 अरब डालर जुटाने की उम्मीद
उन्होंने मित्र राष्ट्रों द्वारा देश में डेढ़ अरब डालर से 2 अरब डालर तक के विदेशी निवेश किए जाने की भी उम्मीद जताई है। इसके अलावा कुछ पैंसों को भुगतान कर दूसरे देशों से गैस की सप्लाई भी मुमकिन हो सकेगी। इस्माइल ने बताया है कि डालर की तुलना में रुपये की कमजोरी से बैलेंस आफ पेमेंट की समस्या पैदा हो गई है, जिससे पाकिस्तान को बाहर निकलना होगा। इसके अलावा पाकिस्तान इस वित्तीय वर्ष में अलग-अलग जगहों से करीब 6 अरब डालर जुटाने की फिराक में है।
WB, ADB, AIIB और IDB से उम्मीद
अरब डालर इसके तहत वो 3.5 अरब डालर एशियन डेवलेपमेंट बैंक से और करीब 2.5 अरब डालर वर्ल्ड बैंक से लेने की कोशिश करेगा। इसके अनावा 40-50 करोड़ डालर एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक से लेने की कोशिश करेगा। साथ ही इस्लामिक डेवलेपमेंट बैंक भी अपनी फंडिंग में इजाफा कर सकता है।
पीटीआई सरकार ने खराब की स्थिति
इस्माइल ने साफ कर दिया है कि मौजूदा स्थिति से देश को बाहर निकालने के लिए और डिफाल्ट से बचने के लिए कुछ कड़े कदम उठाने होंगे। उन्होंने देश को इस स्थिति में लाने के लिए विभिन्न सरकारों की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि इन सरकारों की गलत नीतियों की वजह से ही देश को बुरे दौर से गुजरना पड़ रहा है। इस्माइल ने कहा कि सरकार एनर्जी इंपोर्ट में भी कमी लाने का विचार कर ही है जिससे देश पर कुछ बोझ जरूर पड़ेगा।