
खन्ना में ब्लॉक समिति और जिला परिषद चुनाव नतीजों के बाद सियासत गरमा गई है। कांग्रेस द्वारा पंचायत मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद से इस्तीफे की मांग किए जाने पर मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जवाब दिया।
सौंद ने साफ शब्दों में कहा कि जिन दलों की जनता ने सीटें कम कर दीं, उन्हें सवाल उठाने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने पहली बार यह चुनाव लड़े और जीरो से शुरू होकर पहले नंबर पर पहुंची, जबकि कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल मिलकर भी आप को रोक नहीं सके।
आप पहली बार लड़ी, फिर भी पहले स्थान पर रही
सौंद ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने खन्ना में पहली बार ब्लॉक समिति और जिला परिषद के चुनाव लड़े। इसके बावजूद पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया। ब्लॉक समिति की 16 सीटों में से आप ने 6 सीटें जीतकर पहला स्थान हासिल किया। जिला परिषद में भी आप ने एक सीट जीतकर बराबरी की स्थिति बनाई। दूसरी ओर कांग्रेस का जिला परिषद में खाता तक नहीं खुल सका। सौंद ने कहा कि यह जनता का साफ संदेश है कि लोग आप की नीतियों और सरकार के काम से संतुष्ट हैं।
कांग्रेस का ग्राफ गिरा, फिर भी सवाल आप से
मंत्री सौंद ने कांग्रेस नेता कोटली पर निशाना साधते हुए कहा कि आज वे उनसे इस्तीफा मांग रहे हैं, लेकिन पहले यह बताएं कि कांग्रेस की हालत क्या हुई। पिछली बार कांग्रेस के पास खन्ना में 12 ब्लॉक समिति सदस्य थे, जो इस बार घटकर सिर्फ 5 रह गए। जिला परिषद में खाता नहीं खुला। यह कांग्रेस की करारी हार नहीं तो और क्या है। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस का जनाधार लगातार गिर रहा है, तब भी वे दूसरों से इस्तीफा मांगने की बात कर रहे हैं।
2022 की हार पर क्यों नहीं दिया इस्तीफा: सौंद
तरुणप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में कोटली की जमानत जब्त हुई थी। उस समय उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया। अब कांग्रेस 12 से 5 पर आ गई है। इस्तीफा क्यों नहीं दिया। अब जब पंचायत चुनावों में आम आदमी पार्टी आगे रही है, तब इस्तीफे की मांग करना केवल राजनीतिक हताशा को दर्शाता है। मंत्री ने कहा कि जनता सब देख रही है और सही-गलत का फैसला भी वही करती है।
अकाली-कांग्रेस ने मिलकर लड़ा चुनाव
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंचायत मंत्री ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि खन्ना में कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने मिलकर चुनाव लड़ा। दोनों का मकसद सिर्फ आम आदमी पार्टी को रोकना था। उन्होंने कुछ बूथों के आंकड़े साझा करते हुए कहा कि यह साफ दिखाई देता है कि कहां अकाली दल ने कांग्रेस को वोट डलवाए और कहां कांग्रेस ने अकाली दल को समर्थन दिया। इसके बावजूद दोनों दल आप को हराने में नाकाम रहे।
राजेवाल जोन में समझौते का आरोप
मंत्री सौंद ने कहा कि राजेवाल जोन में अकाली दल ने जानबूझकर कांग्रेस नेता कोटली के करीबी सतनाम सिंह सोनी के खिलाफ अपना उम्मीदवार नहीं उतारा। यह इस बात का पुख्ता सबूत है कि दोनों दल अंदरखाने एक-दूसरे का साथ दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जनता ने इस सियासी खेल को समझ लिया और इसका जवाब वोट के जरिए दिया।
परगट सिंह की जीत ने तोड़ा अहंकार
पंचायत मंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार परगट सिंह ने कोटली के बेहद करीबी और पूर्व ब्लॉक समिति चेयरमैन सतनाम सिंह सोनी को बुरी तरह हराया। यह जीत सिर्फ एक सीट की जीत नहीं थी, बल्कि वर्षों से चले आ रहे राजनीतिक अहंकार के टूटने का संकेत थी। सौंद ने कहा कि यह हार दिखाती है कि जनता अब पुराने चेहरों और दबंग राजनीति से ऊब चुकी है।
यादू मामले पर भी मंत्री का जवाब
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री सौंद ने अकाली नेता यादविंदर सिंह यादू के खिलाफ दर्ज मामले पर भी स्थिति साफ की। उन्होंने कहा कि यादू ने जानबूझकर कानून हाथ में लिया ताकि वे मशहूर हो सकें। किसी पार्टी से कोई निजी दुश्मनी नहीं है। एसडीएम से बदतमीजी की गई, जिसके बाद एसडीएम ने लिखित शिकायत देकर कानूनी कार्रवाई करवाई। इसमें आम आदमी पार्टी का कोई रोल नहीं है। मंत्री ने कहा कि यादविंदर सिंह यादू की आदत रही है कि हर चुनाव में लड़ाई-झगड़ा करते हैं। जब अकाली वर्करों ने सड़क जाम की, तब भी उन्होंने खुद पुलिस से कहा था कि किसी पर केस न किया जाए। इसके बावजूद अब इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, जो पूरी तरह गलत है।
पंचायत मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि खन्ना की जनता ने साफ संदेश दे दिया है। आम आदमी पार्टी मजबूती से आगे बढ़ रही है। कांग्रेस और अकाली दल की सियासी जमीन लगातार खिसक रही है। आने वाले समय में आप और मजबूत होगी और गांव-गांव तक विकास की राजनीति पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि जनता के इस भरोसे को पार्टी पूरी ईमानदारी से निभाएगी।





