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कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर अब संजय राउत का बड़ा बयान

उत्तर प्रदेश में कांवड़ रूट पर दुकानों का नाम और दुकानदार का नाम बताने वाले योगी सरकार के फैसले पर अब शिवसेना (यूबीटी) ने अपना विरोध जताया है। पार्टी के सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय राउत ने हाल ही में जारी योगी सरकार के आदेश को लेकर भाजपा पर निशाना साधा।

‘भाजपा को इससे कोई लाभ नहीं होगा’
योगी सरकार ने प्रदेश में कांवड़ रूट पर दुकानदारों को अपने स्टॉल के सामने अपने मालिक का नाम बताते हुए नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को ऐसे आदेशों के माध्यम से देश को विभाजित करने से कोई लाभ नहीं होगा, क्योंकि इससे देश की एकता टूटेगी। राउत ने शनिवार को मुंबई में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “अब आप (भाजपा) खाद्य पदार्थों की दुकानों को जाति और धर्म के आधार पर नेमप्लेट लगाने का निर्देश दे रहे हैं? क्या आप देश को विभाजित करना चाहते हैं? इससे आपको कोई लाभ नहीं होगा। आप देश की एकता को तोड़ रहे हैं।”

राउत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि शिवसेना अपने हिंदुत्व के आदर्शों के प्रति प्रतिबद्ध है। लेकिन वह समाज में विभाजन पैदा करने का समर्थन नहीं करती है। उन्होंने कहा, “कांवड़ यात्रा, अयोध्या, काशी, मथुरा गर्व की बात है। हमने हिंदुत्व के लिए संघर्ष किया है। भाजपा से भी ज्यादा हम कब तक हिंदू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान का खेल जारी रखेंगे?”

राउत ने नीतीश समेत चिराग पासवान को घेरा
शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने भाजपा के गठबंधन सहयोगियों पर भी निशाना साधा और उन्हें ‘सत्ता का गुलाम’ कहा। साथ ही नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान की भूमिका पर सवाल उठाए। राउत ने आगे कहा, “यह देखना होगा कि नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, अपना दल, चिराग पासवान भाजपा की फूट डालो और राज करो (नीति) का समर्थन करेंगे या नहीं।”

राउत ने कहा, “गठबंधन के सहयोगी सत्ता के गुलाम हैं। नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान की क्या भूमिका है? अगर उनमें हिम्मत है, तो उन्हें आगे आना चाहिए।” हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के नतीजों को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा, “भाजपा को पहले भी लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। लोग देश को बांटने वालों को वोट नहीं देंगे। यह कौन सा नया खेल है?”

क्या है योगी सरकार का आदेश?
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया था कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर खाद्य और पेय पदार्थों की दुकानों पर संचालक/मालिक का नाम और पहचान प्रदर्शित की जानी चाहिए, ताकि तीर्थयात्रियों की आस्था की पवित्रता बनी रहे। इसके अलावा, हलाल-प्रमाणित उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

योगी सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली राज्य की सभी दुकानों पर पहचान पत्र के इस्तेमाल को अनिवार्य करने के कदम के परिणामस्वरूप भाजपा और विपक्ष के बीच राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई है।

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