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कानपुर में बनेगा होवर क्राफ्ट का बेस सिस्टम, मिली टेस्टिंग क्लीयरेंस…

कानपुर की आयुध पैराशूट निर्माणी देश में पहली बार होवर क्राफ्ट का बेस सिस्टम बना रही है। इस आत्मनिर्भरता पहल के तहत पहला सेट इसी साल इंडियन कोस्ट गार्ड को दिया जाएगा।

कानपुर में ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) की इकाई आयुध पैराशूट निर्माणी (ओपीएफ) ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर अभियान में लंबी छलांग लगाई है। पहली बार देश में होवर क्राफ्ट बनाने की प्रकि्रया जारी है। इसमें कंपनी क्राफ्ट का बेस सिस्टम तैयार करेगी। इसके लिए कंपनी को इंडियन रबर मैन्यूफैक्चरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट से क्राफ्ट की टेस्टिंग क्लीयरेंस मिल गई है। कंपनी बेस सिस्टम का एक सेट तैयार करके इस साल कोस्ट गार्ड को देगी।

होवर क्राफ्ट बनाने के लिए जीआईएल, इंडियन कोस्ट गार्ड, इंडियन रबर मैन्यूफैक्चरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट और भारतीय नौवहन रजिस्टर की टीम बनाई गई थी। होवर क्राफ्ट पानी, जमीन, कीचड़ और घास पर चलने में सक्षम और समुद्र या विशेष ऑपरेशन में मददगार साबित होता है। अभी तक होवर क्राफ्ट विदेश से आयात किए जाते थे। जीआईएल की इकाई आयुध पैराशूट निर्माणी में क्राफ्ट का बेस सिस्टम तैयार किया जाएगा। क्राफ्ट के बेस सिस्टम में 6 सेगमेंट लगते हैं। इसमें स्टैंडर्ड ओपेन और क्लोज सेगमेंट, कॉर्नर ओपेन और क्लोज सेगमेंट के अलावा इनर लूप और आउटर लूप सिस्टम होता है।

पहली बार देश में शुरू हो सकेगा उत्पादन
क्राफ्ट के बेस सिस्टम को तैयार करने के लिए विशेष रबड़ का इस्तेमाल किया जाता है जिस पर किसी भी प्रकार की गोली का असर नहीं होता है। जीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) एमसी बालासुब्रमणियम ने बताया कि इंडियन रबर मैन्यूफैक्चरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट से टेस्टिंग क्लीयरेंस मिल गई है। अब एप्लीकेशन तैयार किया जाएगा। ऑर्डर मिल चुका है, जो मैटीरियल लगता है वह भी मंगाया जा चुका है। इसी साल एक सेट बेस सिस्टम तैयार करके कोस्ट गार्ड को दिया जाएगा। पहली बार देश में इसका उत्पादन शुरू हो सकेगा।

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