टेक्नोलॉजी

कितने टाइम बाद डालें इन्वर्टर की बैटरी में पानी? जानिए सही समय और तरीका

आज भी इन्वर्टर उन घरों और दफ्तरों के लिए बहुत जरूरी हो गए हैं जहां बिजली बार-बार चली जाती है। ऐसे में इन्वर्टर की अच्छी परफॉरमेंस के लिए इसकी बैटरी का सही से ख्याल रखना बहुत जरूरी हो जाता है। खासकर, बैटरी के पानी के लेवल को समय-समय पर चेक करना बहुत जरूरी है। अगर आप भी अपने घर में इन्वर्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं और आपको नहीं पता कि इन्वर्टर की बैटरी में पानी कब डालना चाहिए तो आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बताएंगे। चलिए इसके बारे में जानें…

परफॉर्मेंस पर पड़ सकता है असर
सबसे पहले ये बात जान लें कि इन्वर्टर की बैटरी में पानी बदला नहीं जाता है, बल्कि उसका लेवल कम होने पर डिस्टिल्ड वाटर से उसे दोबारा रिफिल किया जाता है। अगर वक्त पर पानी न भरें तो इससे बैटरी ड्राई हो सकती है और उसकी परफॉर्मेंस पर इसका असर देखने को मिल सकता है।

कितने वक्त बाद डालें बैटरी में पानी?
अगर आपके एरिया में कम बिजली जाती है और आमतौर पर इन्वर्टर का इस्तेमाल भी कम ही होता है तो हर 2 से 3 महीने में बैटरी का वाटर लेवल चेक करना चाहिए। वहीं, अगर इन्वर्टर का यूज काफी ज्यादा हो रहा है या लंबे टाइम तक बैकअप लिया जा रहा है, तो हर 1 से 1.5 महीने में बैटरी का वाटर लेवल देखना जरूरी हो जाता है।

पावर कट होने पर गर्मियों में तो इन्वर्टर का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ जाता है। हालांकि इन्वर्टर की बैटरी में पानी भरने का समय अलग-अलग इन्वर्टर मॉडल और बैटरी ब्रांड पर भी डिपेंड करता है, इसलिए मैन्युफैक्चरर द्वारा दिए गए निर्देशों को जरूर पढ़ें।

ऐसे पता करें इन्वर्टर की बैटरी में पानी डालें या नहीं
दरअसल, इन्वर्टर की बैटरी में मिनिमम और मैक्सिमम इंडिकेटर दिया होता है। अगर इसमें पानी का लेवल मिनिमम मार्क से नीचे चला जाता है तो समझ लीजिए कि अब बैटरी में पानी भरने का समय आ गया है। हमेशा ध्यान रखें कि यह इंडिकेटर मिनिमम और मैक्सिमम के बीच होना चाहिए। बैटरी में ज्यादा पानी भरने से भी यह खराब हो सकती है।

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