
पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने महाराष्ट्र सरकार पर किसान आत्महत्या के आंकड़े छुपाने का आरोप लगाया है।
उन्होंने दावा किया कि साढ़े सात सौ से ज्यादा किसान तो महाराष्ट्र के विदर्भ जिले में पिछले तीन महीने में जान दे चुके हैं। दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि इनमें से आधे तो सरकारी सहायता से महरूम रहे हैं। देश में रोजाना दो हजार किसान खेती को अलविदा कह रहे हैं। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, किसानों की आय दोगुनी करने का दावा कर रहे हैं।
वीरवार को सुनाम में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि किसान आत्महत्या के सही आंकड़े जारी होने चाहिए ताकि समय की सरकारें किसान हित में फैसले ले सकें। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार, खेती का बजट बढ़ाए। खेती के जरिए रोजगार पैदा करने पर ध्यान दिया जाए। खेती सेक्टर में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। पंजाब सरकार इसी पर पहरा दे रही है।
उन्होंने दावा किया कि देश में जनसेवा के भाव पर अरविंद केजरीवाल ने सही मायनों पर पहरा दिया है और आने वाली सरकार उसी की होगी जो जनसेवा को समर्पित रहेगा। पंजाब सरकार को दिल्ली से चलाने के सवाल को उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया कि यह राजनीतिक सवाल है।
दूसरी तरफ पंजाब के खेतीबाड़ी मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने किसानों की आत्महत्या मामलों पर विवादित बयान दिया है। सुनाम में पूर्व मंत्री महरूम भगवान दास अरोड़ा की बरसी में पहुंचे खुड्डियां ने कहा कि पंजाब में किसान आत्महत्या पर ज्यादा ही बवाल मचा रहता है। उन्हें खुद उसका हिसाब किताब नहीं आया है। कितनी मौतें हुई हैं, कहां हुई हैं और कैसे हुई हैं इसकी चर्चा ही ज्यादा रहती है। इसका सही डाटा ही नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि पंजाब में किसानों की हर समस्या और मांगों को पूरा किया जा रहा है।