पंजाबराज्य

कुरुक्षेत्र की आयुष यूनिवर्सिटी के वीसी के सिख इतिहास से छेड़छाड़ पर एसजीपीसी ने जताई आपत्ति

अमृतसर। पांचवें पातशाह श्री गुरु अर्जन देव के शहीदी दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह के दौरान कुरुक्षेत्र स्थित श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा गुरु इतिहास से छेड़छाड़ करने पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आपत्ति जताई है।
इस मामले में शिरोमणि कमेटी ने विश्वविद्यालय के चांसलर और हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को एक ई-मेल पत्र भेजकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वैद करतार सिंह से स्पष्टीकरण मांगने को कहा है। साथ ही कहा है कि वीसी सिख समुदाय से माफी मांगे।

शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सिखों का इतिहास पूरी तरह से अनोखा और मौलिक है, जिससे साजिश के तहत छेड़छाड़ की जा रही है। इसी परिघटना के तहत श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के कुलपति ने आपत्तिजनक कार्रवाई की है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वीसी द्वारा जानबूझकर श्री गुरु अर्जन देव जी की शहादत के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करना और इसे सनातन हिंदू धर्म की रक्षा के लिए बताना पूरी तरह से गलत है। यह सिख इतिहास और सिद्धांतों को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है। अगर एक जिम्मेदार पद पर बैठा व्यक्ति ऐसा कृत्य करे तो यह और भी गंभीर और षड्यंत्रकारी है।

धामी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के वीसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि किसी भी धर्म की भावनाओं का ख्याल रखना एक सरकारी संस्थान के जिम्मेदार अधिकारियों का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि गुरुओं का गुरुपर्व मनाना अच्छी बात है, लेकिन इसे सिख धर्म की परंपराओं और इतिहास को खराब करने के लिए नहीं मनाया जाना चाहिए।

धामी ने कहा कि यह गंभीर जांच का मामला है, जिस पर यूनिवर्सिटी के चांसलर और हरियाणा के राज्यपाल को कड़ा संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी ने हरियाणा के राज्यपाल को कार्रवाई के लिए ई-मेल पत्र भेजा है और अगर समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो शिरोमणि कमेटी कानूनी तौर पर आगे बढ़ेगी।

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