
हेलिकॉप्टर क्रैश में मृत सात लोगों में से पांच के शव की शिनाख्त करने के लिए प्रशासन, पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम किया गया। हादसे में पांच शव इस तरह जल गए थे कि घड़ी, कंगन, चेन, अंगूठी के जरिए मृतकों की पहचान की गई। पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक भी हैरान शव देकर हैरान थे।
बीते 15 जून को केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरने वाला आर्यन हेली कंपनी का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। हादसे में पायलट लेफ्टिनेंट राजवीर सिंह चौहान, नन्हीं काशी, राजकुमार सुरेश जयसवाल, श्रद्धा जयसवाल, तुष्टि सिंह, विनोद देवी और विक्रम सिंह की मौत हो गई थी। रेस्क्यू दल ने सभी शव शाम तक जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग पहुंचा दिए थे। शव इतनी बुरी तरह जले हुए थे कि पहचान करना प्रशासन, पुलिस और मेडिकल टीम के साथ परिजनों के लिए भी मुश्किल हो गया था। एक-एक शव को काफी देर तक निहारने के बाद पहचान हुई। पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान की पहचान उनकी घड़ी से हो पाई।
महाराष्ट्र के राजकुमार जयसवाल और उनकी पत्नी श्रद्धा की पहचान गले की चेन से हुई। वहीं, श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारी विक्रम सिंह रावत की पहचान कमर पर बंधी कपड़े की बेल्ट से हुई।
तीन सदस्यीय चिकित्सकीय दल ने किया पोस्टमार्टम
जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग के वरिष्ठ चिकित्सक व पैथोलॉजिस्ट डाॅ. मनीष कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय चिकित्सकीय दल ने शवों का पोस्टमार्टम किया। डाॅ. मनीष कुमार के अनुसार दो शव ही ऐसे थे जिनकी आसानी से पहचान हो सकी। जबकि अन्य पांच शवों की शिनाख्त परिजनों ने उनके फोटो को सामने रखकर उनके हाथ, गले, कलाई में पहनी घड़ी, कंगन, चेन और अंगूठी के जरिए की।
मौत के बाद भी दुलार पाती रही काशी
नन्हीं काशी मौत के बाद भी सबका दुलार पाती रही। अस्पताल में काशी के शव को बहुत सुरक्षित तरीके से रखा गया था। प्रशासन, पुलिस और चिकित्सक भी बार-बार जानकारी ले रहे थे। वहीं रविवार को देर शाम ही जिलाधिकारी सौरभ गहरवार जिला चिकित्सालय पहुंच गए थे।
नहीं बोल पा रहे थे परिजन
हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिजन की आंखें रो-रोकर सूख चुकी थीं। वह जब, प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों से बात भी कर रहे थे तो उनके होंठ कंपकपा रहे थे। पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान के भाई और जेठू यहां पहुंचे। महाराष्ट्र निवासी राजकुमार जयसवाल और श्रद्धा के भाई भी सोमवार को पूर्वाह्न तक रुद्रप्रयाग पहुंच गएथे।
1800 से अधिक टिकट रद्द
केदारनाथ के लिए हेलिकॉप्टर सेवा दो दिन के लिए बंद होने से करीब 1800 से अधिक टिकट रद्द हो गई जिस कारण ज्यादातर यात्री बैरंग घरों को लौट रहे हैं। वहीं, कुछ पैदल मार्ग से केदारनाथ के लिए रवाना हो गए। जिन कंपनियों की हेली सेवा बंद रही उन यात्रियों के टिकट का किराया रिफंड किया जा रहा है। इस वर्ष कपाट खुलने के बाद से अभी तक खराब मौसम और अन्य कारणों से हजारों टिकट रद्द हो चुके हैं। केदारनाथ यात्रा के हेलिकॉप्टर सेवा नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद दो दिन लिए हेलिकॉप्टर सेवा बंद की गई थी।