जीवनशैली

कैंसर का खतरा दोगुना कर देती हैं ये 3 चीजें

कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जिसका सटीक और गारंटीड सफल इलाज अभी भी रिसर्च का एक मुद्दा बना हुआ है। लेकिन हाल ही में कैंसर के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। यह शरीर के एक हिस्से से शुरू हो कर पूरे शरीर में फैल सकता है, जिससे इससे बचाव करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे तो कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें अस्वस्थ जीवनशैली, अनहेल्दी, जंक और प्रोसेस्ड खानपान, प्लास्टिक का इस्तेमाल, कम शारीरिक गतिविधि, तनाव, कॉस्मेटिक, पेस्टीसाइड, जेनेटिक, हैवी मेटल, स्मोकिंग, शराब आदि का इस्तेमाल शामिल हैं।

हालांकि, मुख्य रूप से देखा जाए तो तीन मुख्य चीजें हैं, जो कैंसर के खतरे को दोगुना कर देती हैं। आइए जानते हैं इन तीन चीजों के बारे में-

प्लास्टिक
प्लास्टिक में मौजूद बीपीए, माइक्रोप्लास्टिक, बिसफेनॉल, थेलेट जैसे एडिटिव कैंसर को दावत देते हैं। ये सभी एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल माने जाते हैं, जो शरीर के हार्मोन के साथ छेड़छाड़ करते हैं और ब्रेस्ट कैंसर जैसे कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। इसकी जगह शीशे की गिलास चुनें और प्लास्टिक के बर्तन हों या फिर प्लास्टिक बोतल, इनका इस्तेमाल न करें। प्लास्टिक में खाना पैक न करें और डिस्पोजेबल प्लास्टिक के बर्तन भी न इस्तेमाल करें।

पेस्टीसाइड
पेस्टीसाइड में साथ काम कर रहे किसान में प्रॉस्टेट कैंसर का खतरा और साथ में काम करने वाली महिलाओं में ओवेरियन और ब्लैडर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। पेस्टीसाइड युक्त सब्जी और फल भी कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं, इसलिए हमेशा अच्छे से धोकर ही सब्जी या फल खाएं।

हैवी मेटल
आर्सेनिक, कैडमियम, क्रोमियम, निकल जैसे हैवी मेटल मुख्य कार्सिनोजन में से हैं, जो डीएनए से छेड़छाड़ करते हैं और कैंसर सेल्स को बढ़ावा देने के साथ उनके मेटास्टेसिस की प्रक्रिया को भी बढ़ावा देते हैं, जिससे कैंसर होने के साथ फैलने की संभावना भी बढ़ जाती है। इससे स्किन कैंसर, गैस्ट्रिक कैंसर होने की संभावना ज्यादा हो जाती है। हैवी मेटल युक्त फूड्स जैसे पालक, चावल, फ्रूट जूस, फिश आदि को ज्यादा खाने से बचना चाहिए।

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