
राजस्थान के कोटा शहर में इस बार 132वां राष्ट्रीय दशहरा मेला भव्यता और परंपरा का अद्भुत संगम बनकर सामने आया। गुरुवार को आयोजित इस ऐतिहासिक मेले में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान लाखों श्रद्धालु और पर्यटक मेले की ऐतिहासिकता और सांस्कृतिक विरासत के साक्षी बने।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि विजयादशमी असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि श्रीराम ने रावण के अहंकार का अंत कर समाज को यह संदेश दिया कि सत्य की राह कठिन जरूर होती है, लेकिन अंततः विजय उसी की होती है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोटा का दशहरा मेला धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक आयोजनों, मनोरंजन और लोक परंपराओं का अद्वितीय संगम है। इस बार मेले की विशेषता तिरंगा थीम रही, जिसने सेना के शौर्य और पराक्रम का संदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हस्तशिल्प और शिल्पकारों की भागीदारी इस मेले की आत्मा है। केन्द्र सरकार द्वारा हस्तशिल्प उत्पादों पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने के निर्णय का लाभ इस बार सीधे कारीगरों और उपभोक्ताओं को मिला है। इससे त्योहारी सीजन में आमजन की खुशियां दोगुनी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और वोकल फॉर लोकल के मंत्र को आत्मसात करने का आह्वान किया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने संबोधन में कहा कि दशहरा पर्व अहंकार और असत्य पर सत्य की विजय का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि श्रीराम ने जनमानस को साथ लेकर रावण का वध किया, यह दर्शाता है कि समाज की एकजुटता सबसे बड़ी शक्ति है। बिरला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वदेशी मंत्र को अपनाने की अपील की और कहा कि इससे देश आत्मनिर्भर और विकसित बनेगा।
इस अवसर पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों ने 233 फीट ऊंचे रावण के पुतले का विश्व रिकॉर्ड प्रमाणपत्र मुख्यमंत्री को सौंपा। वहीं, पूर्व महाराव इज्येराज सिंह ने भगवान लक्ष्मीनारायण के प्रतिनिधि के रूप में परंपरागत ढंग से रावण दहन किया। भव्य आतिशबाजी ने पूरे वातावरण को उल्लासमय बना दिया। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर, विधायक संदीप शर्मा, महापौर राजीव अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और आमजन मौजूद रहे।