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कोलकाता केस में ममता बनर्जी का बड़ा फैसला, पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल की छुट्टी

कोलकाता केस में डॉक्टरों के आंदोलन के बीच ममता सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जूनियर डॉक्टरों की मांगों के आगे ममता बनर्जी सरकार झुक गई। सरकार ने कोलकाता पुलिस आयुक्त के पद से विनीत कुमार गोयल की छुट्टी कर दी है। उनकी जगह पर मनोज कुमार वर्मा को कोलकाता पुलिस का नया कमिश्नर बनाया गया है। वहीं, विनीत गोयल का तबादला कर उन्हें एसटीएफ का एडीजी बनाया गया है। 

बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या मामले में न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं। सीएम ममता ने सोमवार को जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक के बाद कोलकाता पुलिस आयुक्त, उपायुक्त (उत्तर), स्वास्थ्य सेवा निदेशक एवं चिकित्सा शिक्षा निदेशक को हटाने की घोषणा की।

कौन हैं मनोज वर्मा?

कोलकाता पुलिस के नए कमिश्नर मनोज वर्मा 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इससे पहले वह एडीजी और आईजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) के पद पर थे। अब ये जिम्मेदारी जावेद शमीम को दी गई है। वह 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वहीं, कोलकाता पुलिस कमिश्नर पद से हटाए गए विनीत गोयल 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।

इन पर भी गिरी गाज

विनीत गोयल के अलावा डीसी नार्थ अभिषेक गुप्ता सहित स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) एवं चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) को पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया है। राज्य की गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती द्वारा जारी आदेश में पुलिस कमिश्वर से लेकर 6 वरिष्ठ आईपीएस समेत सात पुलिस अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है। कोलकाता पुलिस के डीसी नॉर्थ के पद से हटाए गए अभिषेक गुप्ता को ईएफआर के दूसरी बटालियन का कमांडेंट बनाया गया है।

आरजी कर में दुष्कर्म व हत्या की शिकार पीड़िता डॉक्टर के माता-पिता ने डीसी नॉर्थ अभिषेक गुप्ता पर पैसे देने की पेशकश का आरोप लगाया था। उनकी जगह सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट में डीसी (पूर्व) दीपक सरकार को कोलकाता पुलिस का डीसी नॉर्थ बनाया गया है। इसके अलावा आर्थिक अपराध निदेशालय के निदेशक पद पर तैनात वरिष्ठ आईपीएस ज्ञानवंत सिंह को एडीजी (आइबी) बनाया गया है। वहीं, एडीजी एसटीएफ के पद पर तैनात वरिष्ठ आईपीएस त्रिपुरारी अर्थव को आर्थिक अपराध निदेशालय का निदेशक नियुक्त किया गया है।

डॉ स्वपन सोरेन को मिला स्वास्थ्य सेवा निदेशक का प्रभार

वहीं, स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश में स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) डॉ. देवाशीष हलदर और चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) डा कौस्तव नायक सहित चार वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला किया गया है। डॉ देवाशीष हलदर की जगह डॉ स्वपन सोरेन को नए स्वास्थ्य सेवा निदेशक का प्रभार दिया गया है।

वहीं, डॉ देवाशीष हलदर को स्वास्थ्य भवन में ओएसडी (पब्लिक हेल्थ) बनाया गया है। डॉ कौस्तव नायक को चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई) पद से हटाकर इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर का निदेशक बनाया गया है। डीएमई पद पर फिलहाल किसी की नियुक्ति नहीं की गई है। आरजी कर घटना के बाद से आंदोलनरत जूनियर डाक्टर डीएचएस और डीएमई को हटाने की मांग कर रहे थे।

जूनियर डॉक्टरों की पांच मांगें

  1. आरजी कर कांड के दोषियों को सजा दी जाए
  2. आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य सेवा निदेशक एवं चिकित्सा शिक्षा निदेशक को पद से हटाया जाए।
  3. कोलकाता पुलिस आयुक्त को हटाया जाए। उपायुक्त (उत्तर), उपायुक्त (सेंट्रल) के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो।
  4. सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया जाए।
  5. सरकारी अस्पतालों में धमकी देकर प्रताड़ित करने की संस्कृति बंद हो।
  6. ममता सरकार ने डॉक्टरों की पांच में से तीन मांगों को मान लिया है।

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