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कौन होगा अगला पोप? इन पांच नामों की चर्चा सबसे आगे; जानिए कैसे चुना जाएगा वेटिकन लीडर

रोमन कैथोलिक चर्च के प्रथम लैटिन अमेरिकी पोप फ्रांसिस का लंबी बीमारी के बाद सोमवार सुबह यानी ईस्टर मंडे को निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे और इस वर्ष दोहरे निमोनिया से पीड़ित होने के बाद 38 दिनों तक भर्ती रहे।

मार्च में अस्पताल से आने के बाद रविवार को ईस्टर संडे के दिन वह पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए और मौजूद श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं।

सोमवार को पोप ने ली आखिरी सांस

विभाजन और तनाव के अपने 12 वर्षीय शासनकाल के दौरान वह रूढि़वादी संस्थान को बेहतर बनाने में लगे रहे। अमीरों का आलोचक होने के चलते उन्हें गरीबों का मसीहा भी कहा जाता था। पोप फ्रांसिस के बाद नई नियुक्ति तक दूसरे सबसे बड़े पादरी (कार्यकारी पोप) केविन फैरेल ने टीवी चैनल पर घोषणा की

प्यारे भाइयों और बहनों, बहुत दुख के साथ यह घोषणा करनी पड़ रही है कि हमारे पवित्र फादर फ्रांसिस नहीं रहे। आज सुबह 11.05 बजे (भारतीय समयानुसार) रोम के बिशप, फ्रांसिस परमपिता के पास वापस चले गए। उनका पूरा जीवन ईश्वर और उनके चर्च की सेवा के लिए समर्पित रहा।

कब होगा पोप का अंतिम संस्कार?

सोमवार रात 11.30 बजे फैरेल एक संस्कार की अध्यक्षता करेंगे और पोप के शव को ताबूत में रखा जाएगा। एक प्रवक्ता के अनुसार, बुधवार सुबह अंतिम दर्शन के लिए पोप के शव को सेंट पीटर्स बैसिलिका में ले जाया जा सकता है। हालांकि, अभी तक अंतिम संस्कार के लिए किसी तारीख की घोषणा नहीं की गई है।

कौन थे पोप फ्रांसिस?
पोप फ्रांसिस का वास्तविक नाम जार्ज मारियो बर्गोगिलो था। 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना के ब्यूनोस आयर्स में इटली के प्रवासी परिवार में उनका जन्म हुआ था। केमिकल टेक्नीशियन के रूप में स्नातक करने के बाद उन्होंने पादरी बनना पसंद किया और 1958 में सोसाइटी ऑफ जीजस में दीक्षा लेना शुरू किया।
चिली में मानविकी की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह 1963 में अर्जेंटीना में दर्शनशास्त्र की पढ़ाई पूरी करने आए। यहां उन्होंने साहित्य और मनोविज्ञान पढ़ाया भी। 1970 में उन्होंने धर्मशास्त्र की डिग्री हासिल की। 1969 में उन्हें रैमोन जोस कास्टेलैनो ने पादरी नियुक्त किया।
13 मार्च 2013 को उन्हें 266वां पोप चुना गया। शोक और अंतिम संस्कार पोप की मृत्यु के बाद अब पारंपरिक शोक और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू होगी। हालांकि, अब तक इनकी तिथि नहीं घोषित की गई है। सबसे पहले पोप के निवास स्थान सेंट पीटर्स बैसिलिका के साथ बने छोटे चर्च सैंटा मार्टा में उनके शव को वेटिकन के अधिकारियों के दर्शन के लिए रखा जाएगा, जिसके बाद सेंट पीटर्स में आम जनता के लिए ले जाया जाएगा।
उनके अंतिम संस्कार के लिए निर्धारित कार्यक्रम हैं, जिनमें पोप के घर में उनकी मृत्यु घोषित करना, सेंट पीटर्स बैसिलिका में आम जनता के दर्शन के लिए ताबूत को ले जाना और फिर अंतिम संस्कार और दफनाने की प्रक्रिया। मृत्यु के चार से छह दिन के भीतर दफनाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जानी चाहिए, जिसके बाद नौ दिन का आधिकारिक शोक (नोवेनडिएली) होता है।

अगले पोप के चुनाव की प्रक्रिया

नोवेनडिएली के दौरान अगले पोप के चुनाव के लिए बैठक में प्रमुख पादरी (कार्डिनल) रोम पहुंचते हैं। पोप की गद्दी खाली होने के बाद यह बैठक 15-20 दिन के भीतर जरूर हो जानी चाहिए। अगर सभी कार्डिनल सहमत हों, तो यह प्रक्रिया पहले भी शुरू की जा सकती है। इस दौरान गुप्त सत्रों में हर कार्डिनल अपना वोट देता है। हर सत्र के बाद एक विशेष चूल्हे में इस मतपत्र को जला दिया जाता है।काला धुआं निकलने का मतलब है कि किसी पोप का चुनाव नहीं हआ, जबकि सफेद धुआं बताता है कि कार्डिनल ने नए पोप का चुनाव कर लिया है। नए पोप के संभावित दावेदारकोई भी पवित्र स्नान करने वाला रोमन कैथोलिक पुरुष पोप बनने के योग्य है, लेकिन सन 1378 से केवल कार्डिनल को ही इस पद के लिए चुना जाता है।

नए पोप के लिए संभावित उम्मीदवार ये पांच लोग माने जा रहे हैं:

कार्डिनल पीट्रो पैरोलिन: इटली के 70 वर्षीय पैरोलिन वेटिकन के वरिष्ठ राजनयिक होने के साथ पोप फ्रांसिस के सचिव हैं।
कार्डिनल मार्क औलेट: कनाडा के 80 वर्षीय ओलेट 2010 से लेकर 2023 तक वैटिकन के बिशप कार्यालय के प्रमुख रहे हैं।
कार्डिनल क्रिस्टोफ स्कोएनबार्न: आस्टि्रया के 80 वर्षीय स्कोएनबार्न पोप बेनेडिक्ट 16 के शिष्य रहे हैं और रूढि़वादियों के लिए अपील जैसे हैं।
कार्डिनल लुइस टैगल: फिलीपींस के 67 वर्षीय टैगल को वैटिकन के विशाल मिशनरी दफ्तर के प्रमुख के रूप में पोप फ्रांसिस ही लेकर आए थे।
कार्डिनल मैटेओ मारिया ज़ुप्पी: इटली के 60 वर्षीय ज़ुप्पी फ्रांसिस के शिष्य हैं जिन्होंने इटली के बिशप सम्मेलन का नेतृत्व किया था।

कौन चुन सकता है पोप
केवल 80 वर्ष की आयु से कम के कार्डिनल ही इसके लिए योग्य हैं। मौजूदा नियम के तहत इन चयनकर्ताओं की संख्या 120 है। हालांकि, सबसे हाल में हुई वैटिकन की गणना के अनुसार 80 वर्ष से कम आयु वाले कार्डिनल की संख्या 135 हो रही है। चयन की बैठक शुरू किए जाने से पहले इस संख्या को बदला जा सकता है। 80 वर्ष से ऊपर आयु वाले कार्डिनल मतदान तो नहीं कर सकते लेकिन बैठक से पूर्व आम सभा में भाग ले सकते हैं। इस दौरान चर्च की समस्याओं पर चर्चा की जाती है।



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