अन्तर्राष्ट्रीय

 क्या कनाडा बनेगा अमेरिका का 51वां राज्य? डोनाल्ड ट्रंप ने किया बड़ा एलान

अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कनाडा पर कटाक्ष किया। इस दौरान ट्रंप ने कहा कि देश को अमेरिका का 51वां राज्य बनने पर विचार करना चाहिए। ट्रंप ने आगे कहा कि इस तरह के कदम से टैक्स में कमी और सैन्य सुरक्षा के माध्यम से कनाडाई लोगों को लाभ होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि कई कनाडाई इस प्रस्ताव का समर्थन करेंगे।

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में ट्रंप ने लिखा कि कोई भी जवाब नहीं दे सकता कि हम कनाडा को सालाना 100,000,000 डॉलर से अधिक की सब्सिडी क्यों देते हैं? इसका कोई मतलब नहीं है। कई कनाडाई चाहते हैं कि कनाडा 51वां राज्य बने। इससे टैक्स और सैन्य सुरक्षा पर भारी बचत होगी। मुझे लगता है कि 51वां राज्य एक बढ़िया विचार है।

यह पहली बार नहीं है जब ट्रम्प ने सार्वजनिक रूप से इस पर विचार किया है, यह एक ऐसा मजाक है जिससे कुछ लोगों को बुरा भी लगा है। खासकर सोमवार को कनाडा के उप प्रधान मंत्री के चौंकाने वाले इस्तीफे के बाद।

इस सप्ताह लेगर जनमत सर्वेक्षण (Leger public opinion survey) में सामने आया कि 13 प्रतिशत कनाडाई अपने दक्षिणी पड़ोसी के साथ जुड़ने के विचार का समर्थन करते हैं।

ट्रंप ने पीएम ट्रूडो को गवर्नर करार दिया

एक दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के वित्त मंत्री और उपप्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद कनाडा की सत्तारूढ़ पार्टी में पैदा हुई परेशानियों पर टिप्पणी की थी। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को ‘कनाडा का गवर्नर’ करार दिया और कहा कि फ्रीलैंड का व्यवहार कनाडाई नागरिकों के लिए अच्छे निर्णय लेने के लिए अनुकूल नहीं था।

ट्रंप ने दी थी भारी शुल्क लगाने की धमकी

इस महीने की शुरुआत में ट्रंप ने अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करने और डॉलर से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए अपनी आर्थिक नीतियों के तहत भारी शुल्क लगाने की धमकी दी थी। इनमें चीन से आयात पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ और कनाडा और मैक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का प्रस्ताव शामिल है। इन नीतियों से व्यापार में रुकावट आ सकती है, जो भारतीय निर्यातकों के लिए इन बाजारों में हिस्सेदारी बढ़ाने के मौके खोल सकता है।इस सप्ताह उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद से कनाडावासियों के लिए टीके की उपलब्धता और अधिक चिंताजनक हो गई है, जिसके बाद ट्रूडो के इस्तीफे की मांग उठने लगी है।

Related Articles

Back to top button