राजनीति

क्या ममता के स्‍ट्रेटजी से ही भाजपा कर रही चुनाव जीतने की तैयारी

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिस हथियार से भाजपा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं, भाजपा ने अब उसी हथियार से पलटवार शुरू कर दिया है। राज्य में सत्ताधारी पार्टी द्वारा भाजपा पर बांग्ला भाषा का अपमान और बंगाल के बाहर प्रवासी बंगालियों के उत्पीड़न के ये दो प्रमुख आरोप बार-बार लगाए जा रहे हैं।

भाजपा नेता सार्वजनिक रूप से कहते आ रहे हैं कि इन बेबुनियाद आरोपों का जवाब देने की जरूरत नहीं है, लेकिन दूसरी ओर उन्होंने तृणमूल के खिलाफ प्रवासी बंगालियों को ही मैदान में उतारकर एक साथ हिसाब चुकता करने की रणनीति पर कार्य तेज कर दिया है।

भाजपा हाईकमान ने बनाई स्ट्रेटजी

बंगाल के भाजपा नेताओं ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जाकर वहां रहने वाले प्रवासी हिंदू बांग्लाभाषियों और उनके द्वारा संचालित पूजा समितियों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं। बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने हरियाणा और चंडीगढ़ का पांच दिवसीय दौरा किया और वहां रहने वाले प्रवासी बांग्लाभाषियों के साथ बैठकें कीं।

वह हरियाणा और चंडीगढ़ में रहने वाले प्रवासी बांग्लाभाषियों से मिले और उनसे बंगाल को बांग्लादेश बनने से बचाने के लिए अपने मताधिकार के उपयोग को लेकर जागरूक रहने की अपील की।

इतना ही नहीं, बंगाल भाजपा के वर्तमान एवं एक और पूर्व अध्यक्ष भी दूसरे राज्यों में जाने वाले हैं। वर्तमान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात, जबकि केंद्रीय मंत्री व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जा रहे हैं।

किन शहरों में जा रहे बंगाल भाजपा के नेता?

अन्य राज्यों में बंगालियों के बीच बंगाल के भाजपा नेताओं के जनसंपर्क की यह योजना भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने तैयार की है। इस कार्यक्रम के लिए भाजपा ने प्रत्येक राज्य में स्थानीय नेताओं की टीमें बनाई हैं। ये टीमें बंगाल भाजपा के नेताओं को स्थानीय पूजा समितियों तक ले जा रही हैं।

राज्य के भाजपा नेता दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून, हरिद्वार, लखनऊ, वाराणसी, मुंबई, पुणे, नासिक, सूरत, जयपुर, रांची, पटना, भुवनेश्वर, हैदराबाद, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, बेंगलुरु, पणजी, मडगांव जैसे विभिन्न शहरों में जा रहे हैं।

भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा को हरियाणा और चंडीगढ़ की जिम्मेदारी दी गई थी। अमिताभ राय को अंडमान भेजा गया था। वे अपना काम पूरा कर पहले ही लौट चुके हैं। राहुल ने कहा, ‘यह कार्यक्रम बंगाल के बाहर रहने वाले बंगालियों को बंगाल की स्थिति से अवगत कराने का है। कहीं भी बंगालियों का कोई उत्पीड़न नहीं हो रहा है। लोगों को तृणमूल और ममता बनर्जी द्वारा गढ़ी गई कहानियों पर विश्वास नहीं है।’

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