उत्तराखंडराज्य

खनन चोरी का भंडाफोड़: स्टेडियम के सुरक्षा कार्य में लगाया जा रहा था अवैध रूप से लाया रेता-बजरी

हल्द्वानी शहर के गौलापार स्थित अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को बचाने के लिए गौला से ही खनन चोरी के बड़े खेल का भंडाफोड़ हुआ है। इस खेल पर वन विभाग की नजर भले ही अब पड़ी हो, मगर चोरी का यह खेल कब से खेला जा रहा था, यह भी बड़ा सवाल है। खनन चोरी मामले में मंगलवार को स्टेडियम के सुरक्षा बचाव कार्य में अवैध रूप से गौला नदी से निकाली गई खनन सामग्री के उपयोग पर सिंचाई विभाग के तीन जेई और ठेकेदार के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हो गया है।

गौलापार स्थित इंटरनेशनल स्टेडियम के पास गौला नदी ने पिछली बरसातों में कटान किया तो स्टेडियम को बड़ा खतरा पैदा हो गया था। तब तय हुआ कि स्टेडियम बचाने के लिए इसकी सुरक्षा दीवार का बनाया जाना जरूरी है। इस काम का जिम्मा सिंचाई विभाग को दिया गया। टेंडर के बाद इसी साल फरवरी में बचाव का काम शुरू हुआ। मामला सिंचाई विभाग का था लिहाजा किसी की नजर इस बात पर नहीं गई कि निर्माण कार्यों की सामग्री गौला से ही अवैध रूप से निकाली जा रही है।

460 मीटर लंबी और नौ मीटर ऊंची सुरक्षा दीवार बननी है
स्टेडियम की सुरक्षा दीवार पिछले साल बरसात में गौला नदी के उफान पर आने से दीवार को नुकसान पहुंचा था। इसके बचाव के लिए सिंचाई विभाग 36 करोड़ की लागत से दीवार बना रहा है। फरवरी 2025 में इसका काम शुरू किया गया था। यहां निर्माण के दौरान नदी से ही ठेकेदार अपने वाहनों से माल उठा रहा था। यहां 460 मीटर लंबी व नौ मीटर ऊंची सुरक्षा दीवार बनाई जानी है।

सुरक्षा बचाव का कार्य सिंचाई विभाग कर रहा है, मगर वन विभाग की ओर से भी यहां नियमित रूप से निरीक्षण किया जा रहा है। दो दिन पहले यहां कार्यदायी संस्था के पास गौला नदी से निकली खनन सामग्री पकड़ी गई थी। विभाग ने जब खनन सामग्री के कागजात मांगे तो मौके पर मौजूद कार्यदायी संस्था और ठेकेदार के कर्मचारी कागज नहीं दिखा पाए। प्रथमदृष्टया यह पाया गया कि खनन सामग्री गौला नदी से निकाली गई है। इसके बाद तीन मंगलवार को कर्मचारियों और ठेकेदार के खिलाफ गौला रेज में मुकदमा दर्ज करा दिया है। -हिमांशु बागरी, डीएफओ, तराई पूर्वी

तीन जेई और ठेकेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी मिली है। अब तक दीवार का 45 फीसदी काम हो चुका है। उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। -एम. खरे, अधीक्षण अभियंता सिंचाई विभाग हल्द्वानी

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