गणेश चतुर्थी की पूजा थाली में शामिल करें गणपति बप्पा के प्रिय फूल
सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जाती है। इस तिथि पर गणपति बप्पा की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही जीवन के दुखों को दूर करने के लिए व्रत भी किया जाता है। अगर आप जीवन के विघ्न को दूर करना चाहते हैं, तो गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) की पूजा थाली में प्रिय फूल शामिल करें। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक की किस्मत की चमक सकती है।
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि (Ganesh Chaturthi Shubh Muhurat) 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 07 सितंबर को संध्याकाल 05 बजकर 37 मिनट पर होगा। ऐसे में 07 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी।
अर्पित करें ये फूल
- गणेश चतुर्थी की पूजा के दौरान गणपति बप्पा को पारिजात के फूल चढ़ाने चाहिए। मान्यता के अनुसार, इस फूल को अर्पित करने से साधक को संतान से जुड़ी समस्या से मुक्ति मिलती है और प्रभु प्रसन्न होते हैं।
- अगर आप लंबे समय से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए गणेश चतुर्थी की पूजा थाली में गेंदा के फूल शामिल करें। इससे साधक को आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है और धन लाभ के योग बनते हैं।
- माना जाता है कि गणपति बप्पा को गुड़हल का फूल प्रिय है। इस फूल को अर्पित करने से प्रभु प्रसन्न होकर साधक की सभी मुरादें पूरी करते हैं।
इन चीजों का लगाएं का भोग
गणेश चतुर्थी के दिन सूर्य निकलने से पहले उठें और दिन की शुरुआत गणपति बप्पा के ध्यान से करें। इस दिन भगवान गणेश की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करें और प्रिय चीजों का भोग लगाएं। पूजा थाली में मोदक और मोतीचूर के लड्डू शामिल करें। मान्यता है कि इन चीजों का भोग लगाने से भगवान गणेश प्रसन्न होकर साधक की सभी मुरादें पूरी करते हैं।