गन्ने की मशीन को लेकर आपस में भिड़ी दो कंपनियां, अदालत पहुंचा मामला
अहमदाबाद, गुजरात में गन्ने का रस निकालने वाली मशीन के डिजाइन को लेकर मामला स्थानीय अदालत में पहुंचा है। राज्य की ही एक कंपनी ने दूसरी कंपनी पर उसका डिजाइन चोरी करने का आरोप लगाया तो दूसरी कंपनी ने बताया कि इसी तरह की डिजाइन की जापानी मशीन है 30 साल से बाजार में बेची जा रही हैं। अहमदाबाद के मिर्जापुर रूरल कोर्ट में नचिकेता इंजीनियरिंग कंपनी ने आरोप लगाया है कि काव्या प्लोयटेक कंपनी ने गन्ने के रस की मशीन वाला उसका डिजाइन चोरी कर बाजार में उतारा है।
कंपनी की ओर से यह दावा किया गया है कि 2018 में ही उसने यह डिजाइन पंजीकृत कराया था। अदालत में उसने यह भी बताया कि उसकी यह डिजाइन काफी आकर्षक तथा गन्ने का रस निकालने के लिए सरल पद्धति से बनाई गई मशीन है। काव्या कंपनी ने उसकी डिजाइन को कापी करते हुए बाजार में अपने डिजाइन जारी करते हुए, अप्रैल 2019 में मशीन बेचना शुरू कर दिया। उधर दूसरी ओर अदालत का नोटिस मिलने के बाद काव्या प्लोयटेक ने अदालत को बताया कि गन्ने का रस निकालने वाली मशीन का पहला पेटेंट डिजाइन, 1994 में यूनाइटेड स्टेट आफ अमेरिका की खोडियार इंडस्ट्रीज ने लिया था। साल पहले इसी तरह का डिजाइन बनाकर उसे बाजार में उतारा था। करीब 30 साल से जो डिजाइन और मशीन बाजार में बेची जा रही है तथा विदेशी कंपनी का उस पर पेटेंट हो उसकी डिजाइन को लेकर के किसी भारतीय कंपनी को इस तरह का हक जताना कानून के लिए आज से उचित नहीं है। भारतीय डिजाइन कानून 2000 की धारा 4 के अनुसार कंपनी को इस तरह का केस फाइल करने का अधिकार नहीं रह जाता है।
गौरतलब है कि हाल ही में गुजरात में गन्ने का रस निकालने की मशीन के आधुनिक डिजाइन बाजार में देखे गए जिसे काफी पसंद भी किया जाने लगा। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी था कि कोरोनावायरस के चलते गन्ने का रस निकालने की इस कवर्ड मशीन को लोग हाइजीनिक भी मानते हैं। इसमें पुरानी गन्ने का रस की मशीन की अपेक्षा अधिक सफाई रखी जा सकती है तथा जूस निकालने के रोलर भी पूरी तरह ढके होते हैं जिससे धूल-मिट्टी, मच्छर-मक्खी के उस पर बैठने की संभावना नहीं रह जाती है। बाजार में काफी पसंद की जा रही इस मशीन की डिजाइन को ले करके अब यह दो कंपनियां आपस में कानूनी मैदान में उतरी हुई हैं।