गैरकानूनी प्रवासी भारतीयों को लेकर आज अमृतसर पहुंचेगा विमान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव से पहले गैरकानूनी तौर पर अमेरिका में रहने वाले भारत समेत दूसरे देशों के नागरिकों को वापस भेजने की जो बात कही थी, उस पर अमल शुरू कर दिया है। इस क्रम में सोमवार देर रात अमेरिकी शहर टेक्सास से 205 ऐसे भारतीयों (बगैर कानूनी कागजात के अमेरिका में रहने वाले) को एक सैन्य विमान (सी-17) से रवाना कर दिया गया।
आज अमृतसर पहुंचने के आसार
इस विमान के बुधवार सुबह अमृतसर पहुंचने के आसार हैं। इस बारे में भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि अगले हफ्ते अमेरिका यात्रा के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच मुलाकात होगी तो उसमें गैरकानूनी तौर पर रहने वाले भारतीयों का मामला काफी अहम रहेगा।
पिछले दिनों अमेरिका ने कहा था कि 18 हजार भारतीयों की सूची बनाई गई है जो गैरकानूनी प्रवासी की परिभाषा में आते हैं और ट्रंप प्रशासन उन्हें भारत भेजना चाहता है।
यह कोई नई घटना नहीं है- भारत
भारत ने इस बार आने वाले भारतीयों को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन सूत्रों ने बताया, ‘यह कोई नई घटना नहीं है। भारत स्पष्ट कर चुका है कि वह गैर आधिकारिक तौर पर दूसरे देश में जाने या वहां रहने का समर्थन नहीं करता।
अगर दूसरे देश यह साबित करते हैं कि उनके यहां गैरकानूनी तौर पर भारतीय रह रहे हैं और उनके पास इसके पक्ष में सुबूत हैं तो हम उन्हें ले लेते हैं। अमेरिका से कई वर्षों से इस पद्धति से इस श्रेणी के भारतीयों को भेजा जा रहा है। जिन लोगों को विदेशी सरकारें भेजती हैं, उनके सत्यापन में भारत सरकार सहयोग करती है। भारतीय पुलिस उनकी सत्यता का पता करती है, उसके बाद हम विदेशी सरकारों को उक्त व्यक्ति को भेजने की हरी झंडी दिखाते हैं।
नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए काफी प्रयत्नशील है, अपने प्रवासी कानूनों को मजबूत कर रहा है और गैरकानूनी तौर पर रहने वाले प्रवासी लोगों को बाहर निकाल रहा है। यह कार्रवाई साफ संकेत है कि गैरकानूनी तौर पर अमेरिका में रहने का जोखिम नहीं लेना चाहिए।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर वाशिंगटन गए थे
राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर वाशिंगटन गए थे, तब वहां उनकी मुलाकात विदेश मंत्री मार्को रूबियो से हुई थी। उक्त बैठक के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया था कि अमेरिका ने गैरकानूनी तौर पर रहने वाले 18 हजार भारतीयों को वापस भेजने की बात कही है।अमेरिकी मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक, अभी अमेरिकी सरकार के पास उक्त श्रेणी में 20,427 भारतीयों की सूची है। इनमें से 17,940 भारतीयों के पते आदि का सत्यापन हो चुका है और उन्हें भारत भेजने की तैयारी है। जबकि शेष भारतीयों के बारे में अभी जांच-पड़ताल की जा रही है।
अमेरिका में गैरकानूनी भारतीयों की संख्या 7.25 लाख से ज्यादाउधर, एक निजी एजेंसी की रिपोर्ट ने पहले बताया गया था कि अमेरिका में गैरकानूनी तौर पर पर रहने वाले भारतीयों की संख्या 7.25 लाख से ज्यादा है।बताते चलें कि ट्रंप ने दोबारा सत्ता संभालने के पहले दिन ही गैरकानूनी तौर पर वहां रहने वाले दूसरे देशों के नागरिकों के विरुद्ध कई कदम उठाने की घोषणा की थी। इनमें एफबीआइ समेत कई फेडरल एजेंसियों को लगाया गया।
अमेरिका में शरण देने के कई कार्यक्रम बंद
रक्षा मंत्रालय को सीमा पर विशेष तैनाती का अधिकार दिया ताकि वह बगैर कागज के घुसपैठ करने वालों पर रोक लगाने के लिए आपातकाल में कदम उठा सकें। अमेरिका में शरण देने के कई कार्यक्रमों को बंद कर दिया गया है। गैरकानूनी तौर पर रहने वाले युगलों के अमेरिका में पैदा होने वाले बच्चों को प्राकृतिक तौर पर देश की नागरिकता देने के कानून को भी निरस्त कर दिया है।रॉयटर के अनुसार, हिरासत में लिए गए अवैध प्रवासियों को क्यूबा के ग्वांतानामो बे ले जाने के लिए अमेरिकी सेना का पहला विमान उड़ान भरेगा। वहां अमेरिका का प्रवासी हिरासत केंद्र है। सूत्रों ने बताया कि इस विमान में लगभग दर्जनभर अवैध प्रवासियों को वहां ले जाया जाएगा।
अमेरिका से पहली बार नहीं भेजे गए हैं अवैध प्रवासी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही जोर-शोर से गैरकानूनी रूप से रह रहे दूसरे देश के नागरिकों को उनके देश भेज रहे हैं, लेकिन अमेरिका के अन्य राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में भी ऐसे कदम उठाए जाते रहे हैं। यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम इनफोर्समेंट के अनुसार, बराक ओबामा के कार्यकाल में 10.2 लाख, ट्रंप के पहले कार्यकाल में 7.7 लाख और जो बाइडन के कार्यकाल में 4.9 लाख अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकाला गया था।
हजारों अवैध प्रवासी भारतीयों को वापस भेजा गया था
ट्रंप के पहले कार्यकाल में वित्त वर्ष 2019 में 1,616 और 2020 में 2,312 अवैध प्रवासी भारतीयों को वापस भेजा गया था। बाइडन प्रशासन के तहत 2021 में 292 और 2022 में 276 भारतीय वापस भेजे गए थे। कोविड महामारी की वजह से यह संख्या कम रही थी। लेकिन 2023 में 370 और 2024 में 1,529 भारतीयों को वापस भेजा गया। पिछले वर्ष अक्टूबर में अमेरिका ने चार्टर्ड विमान से भारतीयों को वापस भेजा था।