गोरखपुर-डेंगू तेजी से पांव पसार रहा, सबसे ज्यादा असर शहरी क्षेत्र में, पढ़ें पूरी खबर ..
गोरखपुर में डेंगू तेजी से पांव पसार रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर शहरी क्षेत्र में है। शहरी क्षेत्र में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सोमवार को हुई जांच में डेंगू के चार मरीज मिले हैं। चारों मरीज नगर निगम के रहने वाले हैं। इसके बाद से कुल मरीजों की संख्या 59 पहुंच गई है। इनमें केवल दो मरीज भर्ती हैं जबकि, अन्य मरीजों का इलाज घर पर चल रहा है। डेंगू पीड़ित मरीजों में दो युवक, एक युवती और एक बच्ची शामिल हैं। डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। शहर में अब तक 60 से अधिक मकान मालिकों को नोटिस दिया गया है।
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि हांसूपुर का रहने वाला 19 वर्षीय युवक डेंगू पीड़ित मिला है। युवक काफी दिनों से बीमार था। एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसके अलावा महेवा फलमंडी की युवती, साहबगंज का 30 वर्षीय पुरुष और चरगांवा के छोटी रौतवहिया की 10 वर्षीय बालिका डेंगू पीड़ित मिली है। सभी को बुखार के साथ डेंगू के लक्षण थे। सभी ने किट से जांच कराई थी, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद पुष्टि के लिए सभी की एलाइजा जांच कराई गई, जिससे डेंगू की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि मरीजों के घरों के आसपास एंटी लार्वा का छिड़काव करते हुए निर्देश दिया गया है कि साफ पानी जमा न होने दें। साफ पानी में डेंगू के मच्छर पनपते हैं। अब तक 60 से अधिक मकान मालिकों को नोटिस दिया गया है।
तेजी से बदल रहा तापमान, बढ़ रहे बुखार के मरीज
गोरखपुर में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। दिन और रात के तापमान में 12 डिग्री सेल्सियस का अंतर हो गया है। पिछले चार दिनों में रात के तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो चुकी है। तापमान में हो रहे बदलाव ने बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। बीआरडी मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन एक हजार से अधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। वहीं, इमरजेंसी में भी 50 से 60 मरीज पहुंच रहे हैं।
लगातार बढ़ रहे मरीज
गोरखपुर जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. महेश चौधरी ने बताया कि एक सप्ताह के अंदर बुखार के 40 से अधिक मरीजों को भर्ती कर इलाज किया गया है। मौजूदा समय में 20 से अधिक मरीज भर्ती हैं। इनमें कुछ मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाना पड़ा है।
एक हफ्ते से बढ़े हैं मरीज
फिजिशियन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि ओपीडी में बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। डेंगू, मलेरिया और सामान्य बुखार के लक्षण लगभग एक जैसे होने से मरीज इसकी गंभीरता नहीं समझ रहे हैं। यही वजह है 30 फीसदी मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है।