
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में फायर सर्विस विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई और आग से सुरक्षा से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को तेज, पारदर्शी और सरल बनाने के सख्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने ने निर्देश दिए कि सभी बड़े आयोजनों, होटल, रेस्टोरेंट और क्लबों में अग्नि सुरक्षा मानकों की नियमित जांच सुनिश्चित की जाए। फायर उपकरणों की जहां कमी या नियमों का उल्लंघन पाया जाए, वहां तत्काल कार्रवाई की जाए। दिल्ली सरकार ने गोवा की घटना का संज्ञान लेते हुए यह निर्णय लिए हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि फायर एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) जारी करने की प्रणाली व्यापारियों को परेशान करने का माध्यम नहीं बननी चाहिए, बल्कि इसका उद्देश्य दिल्ली के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि होटल, रेस्तरां, नाइट क्लब, मल्टीप्लेक्स और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को लाइसेंस के लिए बार-बार दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें, इसके लिए एक सरल और समयबद्ध प्रक्रिया लागू की जाए। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एनओसी जारी करने की प्रक्रिया में किसी प्रकार की अस्पष्टता, देरी या अनावश्यक कागजी औपचारिकताओं को तुरंत कम किया जाए। सीएम ने कहा कि गोवा के नाइट क्लब में 25 निर्दोष लोगों की मृत्यु ने पूरे देश को झकझोर दिया है। ऐसी त्रासदियां इस बात का संकेत हैं कि दिल्ली को हर समय सतर्क रहना होगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा दे रही है और दिल्ली सरकार भी उसी अनुरूप विभागीय प्रक्रियाओं में सुधार कर रही है, ताकि राजधानी में व्यापारिक गतिविधियां सुचारू रूप से चल सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि किसी नियम से वास्तविक आवेदकों को कठिनाई हो रही है, तो तुरंत सरकार को अवगत कराएं ताकि आवश्यक संशोधन किए जा सकें। बैठक में कैबिनेट मंत्री आशीष सूद, मुख्य सचिव राजीव वर्मा, अग्निशमन और विधि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सभी होटल, रेस्टोरेंट, बार की आपात जांच के आदेश
गोवा के नाइट क्लब में हुई भयावह अग्निकांड त्रासदी के बाद एमसीडी की स्थायी समिति ने दिल्ली में सुरक्षा तैयारियों की गंभीर समीक्षा शुरू कर दी है। समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने मंगलवार को समिति की बैठक में राजधानी के सभी होटल, रेस्टोरेंट, बार, क्लब और पब की त्वरित, गहन और व्यापक जांच का आदेश दिया। बैठक का सबसे बड़ा मुद्दा गोवा अग्निकांड ही रहा, जिस पर पार्षदों ने गहरी चिंता व्यक्त की।
समिति अध्यक्ष सत्या शर्मा ने कहा कि पांच दिन में सभी होटल, रेस्टोरेंट, बार, क्लब आदि जोन वार और वार्ड वार जांच तुरंत शुरू की जाए। पांच दिन के भीतर स्थायी समिति के समक्ष विस्तृत सूची प्रस्तुत की जाए, जिसमें शामिल हो कि लाइसेंस की वर्तमान स्थिति (वैध/समाप्त/लंबित), फायर सेफ्टी और संरचनात्मक सुरक्षा रिपोर्ट, अधिसूचित बनाम वास्तविक भीड़ क्षमता, अवैध या बिना लाइसेंस संचालित प्रतिष्ठानों की जानकारी दी जाए। इसके अलावा जिन प्रतिष्ठानों में भी अनियमितता मिले, उन पर तुरंत सीलिंग, लाइसेंस रद्द, भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाए।
सत्या शर्मा ने स्पष्ट कहा कि दिल्ली जैसे महानगर में किसी भी प्रकार की कोताही जनजीवन के साथ खिलवाड़ है। इसीलिए हर प्रतिष्ठान को फायर सेफ्टी मानक, आपात निकास, फायर अलार्म-स्प्रिंकलर और वैध लाइसेंस का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। बैठक में स्वच्छता, पार्कों की स्थिति, लावारिश पशुओं की समस्या, कर्मचारियों की कमी और वायु प्रदूषण जैसे मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। कई सुझावों को समिति ने सर्वसम्मति से मंजूर किया और अधिकारियों को समयबद्ध, पारदर्शी और परिणाम-आधारित कार्रवाई का निर्देश दिया।
इससे पहले समिति की बैठक में भाजपा पार्षद सतपाल सिंह, राजपाल सिंह, सुंदर सिंह आदि के अलावा आम आदमी पार्टी के पार्षद प्रवीन कुमार ने गोवा की घटना पर चिंता जताते हुए दिल्ली के प्रतिष्ठानों को लेकर चिंता जताई थी। बैठक में गोवा अग्निकांड में मारे गए लोगों के प्रति शोक प्रस्ताव पारित किया गया। समिति ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी और परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।





