
पंजाब में पंचायत समिति की 351 सीटों पर प्रत्याशी बिना मुकाबला जीत गए हैं। इनमें से 340 सीटों पर आम आदमी पार्टी, 8 सीटों पर आजाद और 3 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार विजयी घोषित किए गए हैं। इन सीटों पर या तो नामांकन पत्रों में त्रुटि होने या सिंगल कैंडिडेट होने की वजह से मैदान में एक ही प्रत्याशी बचा था। इन आंकड़ों पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि चुनाव में खड़े करने के लिए कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल को मजबूत लोग ही नहीं मिले और आरोप लगाते हैं कि नामांकन भरने से रोकने के लिए धक्का किया गया।
चंडीगढ़ में हुई प्रेसवार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के आरोपों पर मान ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस लड़ने से पहले ही हार मान गई। चन्नी ने पहले से आप की मुहर लगे बैलेट पेपर छपवाने का बयान दिया था।
मुख्यमंत्री में बयान को बेबुनियाद और गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि पहले कांग्रेसी ईवीएम पर सवाल उठाते थे। अब बैलेट पेपर से हो रहे चुनाव में भी इनको दिक्कत है। कांग्रेस खुद ही बता दे चुनाव कैसे होने चाहिए।
नवजोत कौर सिद्धू के बयान पर सीएम ने कहा कि इन लोगों को पंजाब के विकास से कोई मतलब नहीं। ये लोग तो सियासत को मंडी बनाकर मुख्यमंत्री सीट के रेट बताते फिर रहे हैं। सभी कांग्रेसी नेता अपनी पार्टी को ही डुबो देंगे।
मान ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल को लोगों ने हेलीकॉप्टर से उतारकर सड़कों पर ला दिया है। बादल परिवार कभी पंचायत समिति चुनाव को गंभीरता से नहीं लेता था। आज गांव-गांव जाकर प्रचार कर रहे हैं। यह मतदाताओं की ही ताकत है।
इस दाैरान मुख्यमंत्री ने सभी मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि 14 दिसंबर को जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव में पार्टी और उसके उम्मीदवार की इमेज देखने के बाद ही वोट करें। आम आदमी पार्टी पंजाब को बुलंदियों तक ले जाना चाहती है और दूसरे विरोधी दल सिर्फ कुर्सी और अपने स्वार्थ के लिए सत्ता में आना चाहते हैं। हम लोगों के बीच लोगों के मुद्दे लेकर प्रचार कर रहे हैं। हमारा काम लोगों ने देखा है और लोगों की भलाई पर ही हमारा पूरा फोकस है।



