रोपड़ में अवैध खनन के एक मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बढ़ते खनन मामलों पर कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर पिछले 10 साल में अवैध खनन के दर्ज सभी मामलों का ब्योरा पेश करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अवैध खनन की जमीनी स्तर पर जांच के लिए एडवोकेट वेणु गोपाल जोहर को कोर्ट कमीशन नियुक्त किया है और उन्हें सुरक्षा देने का सरकार को आदेश दिया है।
कुलवीर सिंह ने अवैध खनन के मामले में दर्ज एफआईआर में जमानत देने की हाईकोर्ट से अपील की थी। पंजाब सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि रोपड़ में अवैध खनन के मामले तेजी से बढ़े हैं और ऐसे में याची को जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
कोर्ट को बताया गया कि गत वर्ष अवैध खनन की 118 एफआईआर दर्ज की गई थी। इस स्थिति पर हाईकोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि अवैध खनन को रोकना बेहद जरूरी है। ऐसे में सरकार अगली सुनवाई पर पिछले 10 साल में अवैध खनन से जुड़ी सभी एफआईआर का ब्योरा पेश करे।
इसके साथ ही अवैध खनन की जमीनी स्तर पर जांच के लिए एडवोकेट वेणु गोपाल जोहर को कोर्ट कमीशन नियुक्त किया है और उन्हें आदेश दिया कि वे खुद रोपड़ जाकर दौरा करें और 14 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपे। इसके साथ ही सरकार को आदेश दिया है कि कोर्ट कमिश्नर के दौरे के दौरान उन्हें पूरी सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए और फीस के रूप में एक लाख रुपये सरकार कोर्ट कमिश्नर को देगी।