दस वर्ष की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में चंडीगढ़ जिला अदालत ने साढ़े 17 साल के दोषी को 20 साल की कैद की सजा सुनाई है। उस पर 41 हजार रुपये हर्जाना लगाया गया है। अदालत ने जिला कानूनी सेवा अथॉरिटी से पीड़ित बच्ची को पांच लाख रुपये मुआवजे की सिफारिश भी की है।
मामले के मुताबिक 8 अगस्त, 2023 को मलोया थाना पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ जानबूझकर चोट पहुंचाने, अपहरण, दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले में अदालत ने नाबालिग आरोपी के कृत्य को गंभीर श्रेणी का मानते हुए बालिग के रूप में मुकदमा चलाया और कड़ी सजा दी। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पुलिस की ओर से मामले में चार्जशीट दायर करने के लगभग पांच महीने में ही गवाहों के बयान दर्ज कर साक्ष्य देखने और बहस के बाद केस की सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाया।
यह मामला पीड़िता की बड़ी बहन की शिकायत पर दर्ज किया गया था। पीड़िता घटना वाले दिन घर के बाहर खेल रही थी। काफी देर तक जब वह वापस नहीं आई तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। एक पड़ोसी महिला ने बताया कि उनकी बेटी जंगल में बुरी हालत में है। इसके बाद परिवार ने घटना की सूचना पुलिस को दी और उसे तुरंत सेक्टर 16 अस्पताल में ले जाया गया। इलाज के साथ मासूम बच्ची की काउंसिलिंग भी की गई।
लालच देकर ले गया था
पड़ोसी नाबालिग बच्ची को 10 रुपये का लालच देकर जंगल में ले गया। वहां दुष्कर्म की अंजाम देते हुए आरोपी ने उसकी पिटाई भी की। दरअसल, पीड़िता ने उसके चंगुल से बच भागने की कोशिश की थी। पुलिस ने घटना के कुछ घंटों बाद ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।