अपराध

चार वार कर धड़ से अलग की दादी की गर्दन… इसलिए पौत्री ने मार डाला

गोरखपुर के पीपीगंज थाना इलाके के भुईधरपुर गांव में बीते 26 सितंबर को कलावती देवी (55) की हत्या के मामले का पुलिस ने सोमवार को पर्दाफाश कर दिया। पुलिस के मुताबिक, हत्या किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं बल्कि कलावती की पौत्री खुशी (18) ने की थी।

वजह थी कि कलावती उसे अक्सर बंगालिन कहकर ताना मारती और नौकरों जैसा बर्ताव करती थी। शव ठिकाने लगाने में उसकी मां उतरा ने मदद की थी। पुलिस ने मां-बेटी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।

एसपी नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कलावती देवी के पति दर्शन यादव की करीब 20 साल पहले मौत हो गई थी। उनके दो बेटे परदेशी यादव उर्फ राजेश पुणे और जितेंद्र यादव राजकोट में रहते हैं। गांव में बहू उतरा देवी और पौत्री खुशी साथ में रहती थीं। उतरा देवी की पहली शादी पश्चिम बंगाल में हुई थी और खुशी वहीं के निवासी शंकर घोष की संतान है।

कलावती अक्सर खुशी को बंगालिन कहकर ताने मारती थीं

एसपी ने बताया कि पूछताछ में खुशी ने बताया कि कलावती अक्सर खुशी को बंगालिन कहकर ताने मारती थीं। यहां तक की खुशी की पढ़ाई नौवीं के बाद छुड़वा दी थी। इसके बाद से ही खुशी कलावती से खुन्नस रखने लगी थी।

कलावती घर से 100 मीटर दूर छप्पर में रहती थीं, जबकि बहू बच्चों के साथ पक्के मकान में रहते थी। घटना के दिन बहू उतरा देवी बैंक से दो हजार रुपये निकालने गई थी। इस बीच खुशी ने छप्पर में पहुंचकर गड़ासे से कलावती के गले पर ताबड़तोड़ चार वार कर सिर को धड़ से अलग कर दिया।

घर पहुंचीं उतरा ने बेटी संग मिलकर कलावती के शव को ठिकाने लगाने की साजिश रची। शव को बोरे में भरकर साइकिल से घर से कुछ दूरी पर ले जाकर फेंका गया और पहचान मिटाने के लिए बोरे को जला दिया। शुरुआत में पुलिस को शक था कि हत्या में कोई पुरुष शामिल है लेकिन जांच के दौरान साक्ष्य मां-बेटी की ओर इशारा करने लगे। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो मामला खुल गया।

खुशी ने पूछताछ में कबूल किया कि वह दादी के तानों से परेशान थी। इसलिए उसने उनकी हत्या कर दी। हत्या के बाद वह पुलिस के पास जाने को सोच रही थी, लेकिन उसकी मां ने उसे रोक लिया। इसके बाद शव को ठिकाने लगा दिया। उतरा देवी और खुशी को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया गया है।- जितेंद्र श्रीवास्तव, एसपी नार्थ

पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले

केस: 1

11 दिसंबर 2024 : पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल धुसड़ स्थित सुशांत सिटी में वैज्ञानिक राम मिलन के नाबालिग बेटे ने अपनी मां की हत्या कर दी थी। दरअसल, जब मां ने बेटे को स्कूल जाने के लिए उठाया तो उसने गुस्से में आकर मां को धक्का दे दिया, जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई। लेकिन बेटा अपनी मां को अस्पताल नहीं ले गया बल्कि चुपचाप बिना किसी को बताए स्कूल चला गया। इस दौरान ज्यादा खून बहने की वजह से मां की मौत हो गई। जब बेटा स्कूल से लौट कर आया तो मां की लाश देखकर परेशान हो गया लेकिन फिर भी किसी को खबर नहीं दी। वह 6 दिन तक घर में मां की लाश के साथ रहा।

केस: 2

27 मई 2024 : गोला थाना क्षेत्र के फत्तेपुर में छोटे बेटे देवानंद ने अपने 75 वर्षीय पिता राजपति और 73 वर्षीय मां मुराती देवी की नल के पाइप से सोते वक्त सर पर वार कर हत्या कर दी। इसके बाद मौके से भाग निकला। चीख सुन कर छत पर सो रहे परिवार के अन्य सदस्य नीचे पहुंचे तो माता-पिता को लहुलुहान अवस्था में देखकर चीख-पुकार मच गई थी। पुलिस ने मामले में बेटे को गिरफ्तार कर लिया था। देवानंद गांव पर ही रहता था और नशे का आदी था। आए दिन शराब के नशे में धुत्त होकर घर आता था। इसी वजह से उसकी पत्नी अपने दो मासूम बच्चों के साथ मायके चली गई थी।

केस: 3

24 अप्रैल 2025 : गुलरिहा थाना क्षेत्र के नरायनपुर नंबर-2 गांव निवासी सतीश चौहान ने शादी के 2 महीने बाद ही अवैध संबंध के शक में पत्नी सरोज की गला दबाकर हत्या कर दी थी। बचाने आए पत्नी के बड़े भाई पर भी हथौड़े से हमला कर दिया था। हमले में वह वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। पुलिस ने मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। शादी के बाद कुछ दिन सरोज ससुराल में रही। इसके बाद मायके चली गई। उसके बाद 21 अप्रैल को वह फिर से ससुराल पहुंची थी।

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