
राजघाट पावर प्लांट अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन और शिक्षा का केंद्र बनेगा। परियोजना का सबसे आकर्षक हिस्सा पावर प्लांट की विशाल चिमनी है। विशाल चिमनी पर लेजर शो की चमक दिखेगी।
राजघाट थर्मल पावर प्लांट अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन व शिक्षा का केंद्र बनेगा। इस प्लांट में शैक्षणिक प्रदर्शनियां, इंटरैक्टिव लर्निंग जोन, नवीकरणीय ऊर्जा पर प्रदर्शनी की जाएगी। डीडीए की इस महत्वाकांक्षी परियोजना में पावर प्लांट की 160 मीटर ऊंची विशाल चिमनी को आधुनिक लाइटिंग और लेजर शो से सजाया जाएगा। यहां लोग ऊर्जा, पर्यावरण, और तकनीकी इतिहास से जुड़ीं जानकारियां हासिल कर सकेंगे।
डीडीए ने इसके लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 35 लाख रुपये का बजट आवंटित किया है। इसका उपयोग लेजर शो उपकरणों की स्थापना और परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए किया जाएगा। परियोजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, जिसमें पहला चरण मार्च 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।
इसके बाद शैक्षणिक और सार्वजनिक सुविधाओं का विस्तार होगा। 2010 से बंद ऐतिहासिक राजघाट पावर प्लांट को नया रूप देने की तैयारियां जोरों पर हैं। डीडीए की इस परियोजना का उद्देश्य न केवल इस पुरानी संरचना को संरक्षित करना है, बल्कि इसे आधुनिक और सतत उपयोग के लिए अनुकूलित करना भी है।
अगले चरण में शुरू होंगी अन्य योजनाएं
परियोजना के अगले चरणों में परिसर में सौर ऊर्जा प्रदर्शनी, विज्ञान और पर्यावरण संग्रहालय और सामुदायिक गतिविधियों के लिए स्थान विकसित करने की योजना है। यह कदम दिल्ली के उपराज्यपाल के उस दृष्टि का हिस्सा है, जिसमें ऐतिहासिक और औद्योगिक संरचनाओं को आधुनिक और सार्वजनिक उपयोग के लिए पुनर्जीवित किया जा रहा है।
चिमनी बनेगी दिल्ली की नई पहचान
परियोजना का सबसे आकर्षक हिस्सा है पावर प्लांट की विशाल चिमनी है। यह दिल्ली की सबसे ऊंची मीनार जैसी है, जिसे रंग-बिरंगी प्रकाश व्यवस्था और लेजर शो के जरिये जीवंत किया जाएगा। यह चिमनी रात में आसमान को रोशन करेगी और लेजर शो के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण, पर्यावरण जागरूकता और दिल्ली की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ीं कहानियां प्रदर्शित करेंगी। इससे दिल्ली की नई पहचान बनेगी। यह स्थल दिल्लीवासियों के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।