चिराग के सांसद बोले- LJP अकेले चुनाव लड़ने का माद्दा रखती है

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से चिराग पासवान की पार्टी अपने मन मुताबिक सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है। इसके लिए पार्टी प्रमुख चिराग पासवान के साथ-साथ अब उनके सांसद भी दबाव बनाने लगे हैं। आज लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद और चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती ने सोशल मीडिया पर 2020 के विधानसभा चुनाव की यादें साझा की। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि हमारी पार्टी अकेली ऐसी पार्टी है जो विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने का माद्दा रखती है।
सांसद अरुण भारती ने कहा कि कार्यकर्ता ही हमारी पार्टी की असली रीढ़ हैं। पार्टी के लिए जी-जान से मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं की यह स्वाभाविक उम्मीद होती है कि एक दिन उन्हें भी पार्टी की तरफ से जनप्रतिनिधि बनकर जनता की सेवा करने का अवसर मिले। 2020 में जब गठबंधन धर्म के कारण हम अपने कार्यकर्ताओं की इस भावना और उम्मीदों को पूरा नहीं कर सके, तब हमने अकेले चुनाव लड़ने का साहसिक निर्णय लिया। यह केवल चुनावी राजनीति नहीं थी, बल्कि अपने कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान था।
137 सीटों पर चुनाव लड़कर हमें छह प्रतिशत वोट मिला था
सांसद ने कहा कि भले ही उस चुनाव में हम केवल एक सीट जीत पाए, लेकिन सच्चाई यह है कि 137 सीटों पर चुनाव लड़कर हमें छह प्रतिशत वोट मिला था। अगर हम पूरे 243 सीटों पर चुनाव लड़ते, तो हमारा वोट का प्रतिशत दस से भी अधिक होता। यह हमारे कार्यकर्ताओं की ताक़त और जनता के विश्वास का जीता-जागता सबूत था। असल में, यह हमारी रणनीतिक चाल और राजनीतिक चरित्र का हिस्सा रहा है। 2020 ने साफ कर दिया कि अगर बिहार की राजनीति में कोई पार्टी अकेले चुनाव लड़ने का माद्दा रखती थी, तो वह केवल लोक जनशक्ति पार्टी थी।
पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू को बड़ा झटका दिया था
बता दें कि भाजपा-जदयू के ताजा फॉर्मूले पर निगाहें चिराग पासवान पर अटकी हैं, जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू को बड़ा झटका दिया था। तब राजग के इतर मैदान में उतरी चिराग की पार्टी 135 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इनमें ज्यादातर उम्मीदवार जदयू के खिलाफ उतारे गए थे। चिराग की इस रणनीति के कारण जदयू को सीधे-सीधे 27 सीटों का नुकसान हुआ था। इसके अलावा ऐसी 37 सीटें भी थी, जहां लोजपा के उम्मीदवार के कारण जदयू को सियासी घाटा उठाना पड़ा था। इस बार चिराग की पार्टी 40 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है लेकिन भाजपा और जदयू ही करीब 203 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है। बाकी बचे 43 सीटों का बंटवारा, जीतन राम मांझी, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के बीच होना है।