छत्तीसगढ़ सरकार इन 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति में करेगी शामिल
छत्तीसगढ़ की 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी शेड्यूल ट्राइब) में शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसे स्वीकृति प्रदान किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 11 फरवरी 2021 को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भेजकर छत्तीसगढ़ की 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया था। इन जाति समुदायों के छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल होने के बाद इन्हें अब शासन की अनुसूचित जनजातियों के लिए संचालित योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा। छात्रवृति, रियायती ऋण, अनुसूचित जनजातियों के बालक-बालिकाओं को छात्रावास की सुविधा के साथ शासकीय सेवा और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ भी मिल सकेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा छत्तीसगढ़ के 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की सहमति दी गई, जिसमें भारिया भूमिया के पर्याय के रूप में भूईंया, भूईयां, भूयां Bharia नाम के अंग्रेजी संस्करण को बिना बदलाव किए भरिया के रूप में भारिया का सुधार। पांडो के साथ पंडो, पण्डो, पन्डो। धनवार के पर्याय के रूप में धनुहार , धनुवार। गदबा, गोंड (Gond) के साथ गोंड़, कौंध के साथ कोंद , कोडाकू के साथ कोड़ाकू, नगेसिया , नागासिया के पर्याय के रूप में किसान, धनगढ़ का परिशोधन धांगड़ शामिल हैं।
एसटी जनसंख्या में 75 हजार से अधिक की होगी वृद्धि
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर छत्तीसगढ़ की विभिन्न जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ की 12 जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की स्वीकृति प्रदान की है। जनता को बधाई एवं प्रधानमंत्री का धन्यवाद। बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद अनुसूचित जनजाति की संख्या में 75 हजार से ज्यादा की वृद्धि होगी। अनुसूचित जनजाति में नाम शामिल नहीं होने की वजह से इस वर्ग के लोग सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे थे। अब इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।