छावा के बाद Jaat में विलेन बनेंगे विनीत कुमार सिंह

बीते दिनों रिलीज हुई फिल्म छावा में कवि कलश उसके बाद सुपरब्वायज ऑफ मालेगांव में फरोग की भूमिका को लेकर पिछले कुछ दिनों से अभिनेता विनीत कुमार सिंह काफी चर्चा में हैं। 10 अप्रैल को प्रदर्शित होने जा रही सनी देओल अभिनीत फिल्म जाट में वह खलनायक सोमूलू की भूमिका में नजर आएंगे। विनीत से पेशेवर सफर के वर्तमान दौर और भविष्य की योजनाओं पर बातचीत…
एक्टर से पहले डॉक्टर थे अभिनेता?
मुक्काबाज के बाद शायद इतनी ज्यादा चर्चा छावा से मिली, क्या इसी दौर के सपनों के साथ डॉक्टरी का पेशा छोड़ अभिनय में आए थे?
हां ये सच है कि मुक्काबाज के बाद मेरी इतनी चर्चा छावा को लेकर ही हुई। छावा से मेरा काम एक बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचा। अब इसके कारण लोग मेरे पुराने कामों को भी जाकर देख रहे हैं, वो मुझे मैसेज या कमेंट करके बता भी रहे है। कई लोगों ने तो मुक्काबाज देखकर कहा कि इसको तो रीरिलीज करनी चाहिए। हालांकि, वो मेरे हाथ में नहीं है।
‘राइटर बाप होता है’- विनीत कुमार सिंह
फिल्म सुपरब्वायज आफ मालेगांव में आपका संवाद ‘राइटर बाप होता है’ काफी चर्चा में रहा। सुनने में आया कि इसे आपने बिना स्क्रिप्ट के अपने मन से बोला था….. हां, ये लाइन मैंने शूटिंग करते समय ही सीन में सुधार करते हुए बोला था स्क्रिप्ट में था कि फरोग नासिर को ये बोल कर निकल जाता है कि याद रख तेरे पैसे मनी आर्डर कर दूंगा। फिर सीन करते हुए मेरे दिमाग में यह लाइन आई और जाते-जाते मैंने फिर पलट कर कहा कि राइटर बाप होता है।
फिल्मकारों और इंडस्ट्री से मिलने वाले प्रस्तावों में इतनी प्रशंसा और चर्चा का क्या प्रभाव देखते हैं?अभी इन दोनों फिल्मों को आए एक-डेढ़ महीना ही हुआ है। इस बीच पिछले 20-25 दिनों में मेरे पास जो प्रस्ताव आए हैं, उनमें बहुत सारी चीजें होती दिख रही हैं। कोशिश करता है, बतौर कलाकार आगे मैं कुछ और बेहतर, चुनौतीपूर्ण चीजें ला पाऊं। इसका परिणाम मेरे आगामी प्रोजेक्ट्स पर दिखेगा।
फिल्म जाट का ऑफर कब और कैसे मिला?
मुंबई में फिल्म के निर्देशक गोपीचंद मलिनेनी से मेरी मुलाकात हुई, उन्होंने मुझे बताया कि मुक्काबाज फिल्म देखने के बाद वह साउथ में उसकी रीमेक बनाने की योजना बना रहे थे । उनसे मुलाकात के बाद मेरी फिल्म में कास्टिंग हुई। साथ ही अभिनेता से पूछा गया कि बतौर खलनायक जाट में बतौर खलनायक सनी देओल को रौब दिखाना, चिल्लाना, सब कैसे किया ?
शूटिंग से पहले उनकी वैनिटी में जब उनसे पहली बार मुलाकात हुई तो वो सारी चीजें कुछ पल के लिए स्मृति पटल पर तैरने लगी थी। हालांकि, जब काम शुरू होता है, तो बाकी चीजें भूल जाती हैं। उसके बाद हम अपनी भूमिकाओं में आ गए और पहले दिन का शूट बहुत अच्छे से हुआ ।
कवि कलश की भूमिका बखूबी निभाई। कविताएं आप भी लिखते हैं, तो अब क्या अंदर के कवि की आगे भी काम करने की योजना है ?
मैं तो लिखता रहूंगा, मुझे रैप, कविताएं या गाने जो कुछ सूझता है तो लिख देता हूं। जब लोकसभा चुनाव हुआ था तब मैंने एक कविता लिखी थी। मुक्काबाज का पैंतरा गाना मैंने ही लिखा है । उस फिल्म में मैंने दो गाने लिखे थे यह जारी रहेगा
कमर्शियल फिल्मों और सीरीज के बीच कैसे बनाते हैं बैलेंस?
क्या अब मल्टीस्टारर कमर्शियल फिल्मों, केंद्रीय भूमिका वाली वेब सीरीज और कहानी प्रधान फिल्मों के बीच संतुलन बनाकर चलने की कोशिश होगी ?
मेरी कोशिश यह है कि मैं साल में एक फिल्म ऐसी करूं जो दुनिया भर के फिल्म फेस्टिवल्स में जाए। इसके अलावा दो फिल्में और करूं। जिसमें एक फिल्म वही हो, जिन्हें स्टार्स और आंकड़ों के आधार पर बड़ी फिल्म कहा जाता है। दूसरी मध्यम बजट की हो, जिसमें मैं कुछ अलग और नए प्रयोग कर सकूं। मैं हर साल कम से कम ऐसी तीन फिल्में जरूर करना चाहता हूं।