जनवरी से नहीं मिल पाएगा 8वें वेतन आयोग का फायदा; जानिए कहां फंसा पेंच

केंद्र सरकार के 35 लाख कर्मचारियों और 67 लाख पेंशनधारकों को आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission 2025) के लिए थोड़ा लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। नया वेतन आयोग वेतन और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी की सिफारिश करेगा, इस चर्चा के साथ अब यह इसके अमल में देरी (8th pay commission delay) होने की आशंका भी जोर पकड़ने लगी है।
आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिशें जनवरी 2026 से लागू होनी हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने आयोग का गठन ही नहीं किया है। कर्मचारी संगठनों ने सरकार से जल्द से जल्द आयोग का गठन करने का आग्रह किया है ताकि कर्मचारियों और पेंशनधारकों के मन में अनिश्चितता दूर हो।
लागू होने की तारीख से पहले आ गई थीं सातवें आयोग की सिफारिशें
केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए हर 10 साल बाद नया वेतन आयोग गठित किया जाता है और उसकी सिफारिशें लागू की जाती हैं। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू हुई थीं। उस आयोग का गठन फरवरी 2014 में किया गया था और उसने 19 नवंबर 2015 को अपनी रिपोर्ट दे दी थी। लेकिन इस बार अमल में सिर्फ छह माह बाकी रहने के बावजूद न तो आयोग का गठन हुआ है, न ही उसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस तय किए गए हैं।
आयोग को सिफारिशें देने में डेढ़ से दो साल लगते हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वरिष्ठ अधिकारियों ने यह तो कहा है कि इन पर चर्चा चल रही है, लेकिन इसकी धीमी गति को देखते हुए माना जा रहा है कि 1 जनवरी 2026 से इसे लागू करना संभव नहीं हो पाएगा। अगले कुछ दिनों में अगर आयोग के गठन और उसके टर्म्स ऑफ रेफरेंस की घोषणा होती भी है तो अब तक का इतिहास बताता है कि हर आयोग को अपनी सिफारिशें देने में डेढ़ से 2 साल का वक्त लगा है। अगर आठवें वेतन आयोग की भी यही गति रही (8th pay commission delay) तो उसकी सिफारिशें 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में ही लागू हो सकेंगी।
फिटमेंट फैक्टर का सवाल सबसे अहम
वेतन आयोग की सिफारिशों में सबसे महत्वपूर्ण फिटमेंट फैक्टर होता है। किसी कर्मचारी के पुराने बेसिक वेतन को फिटमेंट फैक्टर से गुणा करने पर उसका नया बेसिक वेतन निकलता है। सातवें वेतन आयोग ने फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया था। तब न्यूनतम वेतन 7000 से बढ़कर 18000 रुपए हो गया था।
कर्मचारी संगठनों तथा अन्य विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.5 से 2.86 के बीच रह सकता है। इस आधार पर न्यूनतम वेतन 40 हजार से 45 हजार रुपए के बीच होगा। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय होता है तो न्यूनतम बेसिक वेतन 51 हजार रुपए हो जाएगा। छठे वेतन आयोग के समय फिटमेंट फैक्टर 1.86 तय हुआ था और बेसिक वेतन 2,750 रुपये से बढ़कर 7,000 रुपये हो गया था।