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जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच करने वाली समिति के सदस्य कौन हैं

घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लोकसभा में पेश हुआ, जिसे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मंजूरी दे दी। साथ ही लोकसभा स्पीकर ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। इस जांच समिति में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के एक-एक जज और एक कानूनविद् शामिल हैं। जांच समिति की रिपोर्ट मिलने तक महाभियोग प्रस्ताव लोकसभा में लंबित रहेगा। 

कौन हैं जांच समिति में शामिल लोग
लोकसभा स्पीकर ने जो समिति गठित की है, उसमें सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार, मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और कर्नाटक उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और कानूनविद् बी. वी. आचार्य का नाम शामिल है। आइए जानते हैं इनके बारे में

जस्टिस अरविंद कुमार
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अरविंद कुमार, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने वाली तीन सदस्यीय समिति का हिस्सा हैं। जस्टिस अरविंद कुमार, 16 वर्षों से अधिक समय तक संवैधानिक अदालतों के न्यायाधीश रहे हैं। जस्टिस कुमार ने 13 फरवरी, 2023 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और उनका कार्यकाल 13 जुलाई, 2027 तक है। 14 जुलाई, 1962 को जन्मे जस्टिस कुमार ने बंगलूरू विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की और साल 1987 में वकालत शुरू की थी। जस्टिस कुमार साल 1999 में कर्नाटक उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता नियुक्त हुए।

जस्टिस कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश बनने से पहले गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने 13 अक्तूबर, 2021 को पदभार ग्रहण किया था। जस्टिस कुमार को 26 जून, 2009 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए थे और 7 दिसंबर, 2012 को उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया था। जस्टिस अरविंद कुमार साल 2005 में भारत के सहायक महाधिवक्ता पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।

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