जानिए आखिर क्यों इमरान खान को खटखटाना पड़ा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा ,किस वजह से गिरी थी सरकार
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan former PM Imran Khan) ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) के एक आदेश को चुनौती देने के लिए देश के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इमरान ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें पार्टी के 20 असंतुष्ट नेताओं के खिलाफ अयोग्यता के मामले को खारिज कर दिया गया था।
बता दें कि पाकिस्तान चुनाव आयोग ने पिछले महीने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के उन संदर्भों को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने पीटीआई सरकार के पतन के लिए अविश्वास प्रस्ताव में इमरान खान के खिलाफ मतदान करने के बाद नेशनल असेंबली के अपने असंतुष्ट सदस्यों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।
डान की रिपोर्ट के मुताबिक, निर्वाचन आयोग ने अपने सर्वसम्मत फैसले में कहा था कि पीटीआई के विधायकों ने संविधान के अनुच्छेद 63-ए के तहत ‘दोषपूर्ण’ कार्य किया, इसलिए उन्हें ‘पद से हटना पड़ेगा। पीटीआई ने एमएनए के नूर आलम खान, डा मोहम्मद अफजल खान ढांडला, नवाब शेर वसीर, राजा रियाज अहमद और अहमद हुसैन देहर सहित कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
पीटीआई के वकील फैसल चौधरी ने अदालत से आरक्षित फैसले की एक प्रति प्रदान करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि वह इसके खिलाफ अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि असंतुष्टों ने और रिकार्ड उपलब्ध कराने के पीटीआई के अनुरोध का विरोध किया था। फैसल ने कहा कुछ चीजों को ठीक से रिकार्ड में नहीं लाया जा सका। चुनाव आयोग ने अपने फैसले में सर्वसम्मति से कहा कि अनुच्छेद 63 (ए) के तहत एमएनए के खिलाफ दायर की गई घोषणा पाकिस्तान के संविधान के अनुसार नहीं पाई गई है।
इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान 9 अप्रैल को नेशनल असेंबली में हुआ था, जिसमें 174 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में अपना वोट किया था। इमरान खान नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव हारने वाले पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। विशेष रूप से, किसी भी प्रधानमंत्री ने अब तक पाकिस्तान में पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।