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जायडस, गोदरेज, एनएचपीसी को तिमाही में जबरदस्त मुनाफा

सरकार बैंकों में बड़े शेयरधारकों के लिए मतदान के अधिकार की सीमा बनाए रखने की योजना बना रही है। इसका अर्थ वित्तीय क्षेत्र को उदार बनाने और अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने के भारत के प्रयास सीमित दायरे में ही रहेंगे। आरबीआई ने हाल में जटिल नियमों को आसान बनाने के लिए कदम उठाए हैं। इसमें विदेशी ऋणदाताओं को बैंकों में बड़ा हिस्सा लेने की मंजूरी दी है।

सरकार सरकारी बैंकों में विदेशी निवेश की सीमा को दोगुना से भी ज्यादा बढ़ाकर 49 फीसदी करने की योजना बना रही है। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि वोटिंग अधिकारों के नियमों में कोई ढील नहीं दी जाएगी। नियमों के अनुसार, एक शेयरधारक निजी बैंक में 26 फीसदी से अधिक वोटिंग अधिकार नहीं रख सकता, भले ही उसका हिस्सा अधिक हो। सरकारी बैंकों के लिए यह सीमा 10 फीसदी है। वित्त मंत्रालय व आरबीआई ने रणनीतिक निर्णयों में बड़े शेयरधारकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए मतदान अधिकारों की सीमा बढ़ाने पर चर्चा की, लेकिन ज्यादा नियंत्रण से बचने के लिए ऐसा नहीं करने का फैसला किया।

जायडस को 1,259 करोड़ रुपये का फायदा

जायडस लाइफसाइंसेज को दूसरी तिमाही में 1,259 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में यह 38 फीसदी अधिक है। कंपनी ने बताया, अमेरिका और भारत के बाजारों में मजबूत बिक्री वृद्धि से कंपनी को राजस्व बढ़कर 6,123 करोड़ रुपये हो गया। बोर्ड ने प्रतिभूतियों के निर्गम के माध्यम से 5,000 करोड़ रुपये तक जुटाने को मंजूरी दे दी है।

गोदरेज प्रॉपर्टीज का लाभ 21 फीसदी बढ़ा

रियल्टी कंपनी गोदरेज प्रॉपर्टीज को सितंबर तिमाही में 402.99 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में यह 21 फीसदी अधिक है। बिक्री बुकिंग इसी दौरान 64 फीसदी बढ़कर 8,505 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। आय 1,346 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,950 करोड़ रुपये रही। कंपनी ने 4,522 मकानों की रिकॉर्ड बिक्री की।

एनएचपीसी को 1,219 करोड़ रुपये का फायदा

सरकारी कंपनी एनएचपीसी सितंबर तिमाही में 1,219 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में यह 15 फीसदी अधिक है। यह वृद्धि अधिक राजस्व के कारण हुई। कंपनी ने बृहस्पतिवार को बताया, उसकी कुल आय बढ़कर 3,629.98 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 3,402.09 करोड़ थी।

महिंद्रा ने 678 करोड़ में बेचा आरबीएल में हिस्सा

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने आरबीएल बैंक में अपनी 3.53 फीसदी हिस्सेदारी 678 करोड़ रुपये में बेच दी है। इस पर उसे 62.5 फीसदी का लाभ मिला है। 26 जुलाई, 2023 को 417 करोड़ रुपये में आरबीएल बैंक में 3.53 फीसदी हिस्सा खरीदा गया था। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजारों को बताया, आरबीएल बैंक में अब उसकी कोई भी हिस्सेदारी नहीं बची है।

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