उत्तरप्रदेशराज्य

जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर की मौत मामले में आरोपित पति को पुलिस ने किया गिरफ्तार

 जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर की मौत मामले में मुख्य आरोपित पति दीपक सिंह गौर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। एसपी अभिनंदन ने बताया कि पूछताछ की जा रही है। पति-पत्नी के बीच विवाद व मारपीट होती रहती थी। साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जिनके खिलाफ भी साक्ष्य मिलेंगे, उन सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। पूछताछ के बाद ही विस्तृत जानकारी दी जा सकेगी।

पिता ने दामाद पर लगाए हैं कई गंभीर आरोप : जिपं सदस्य बेटी की मौत को लेकर उसके पिता व मायके के अन्य लोग दुख से भरे हैं। पिता ने आरोपित दामाद पर जहां गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं उनका कहना है कि पत्नी का राजनीति में बढ़ता कद देखकर वह प्रताड़ित करता था। लखनऊ के एक समारोह में उसने बेटी की बेइज्जती कर दी थी। यह बात भी उन्हें अन्य लोगों ने बाद में बताई है। 

यह है पूरा मामला : मोहल्ला इंदिरा नगर निवासी भाजपा की जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर का शव बुधवार दोपहर घर के अंदर बेडरूम में फंदे से लटका मिला था। घटना के बाद से उसके मायके चित्रकूट जिले के  कर्वी थाना क्षेत्र के शंकरबाजार गोकुलपुरी निवासी पिता धर्मवीर व भाई ओमकार ने ठेकेदार पति दीपक सिंह गौर व पूर्व डीआइजी ससुर राजबहादुर सिंह समेत अन्य ससुरालीजनों के विरुद्ध हत्या कर शव फंदे में लटकाने का आरोप लगाया। हालांकि पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फंदे में लटकने से मौत होना सामने आया है। ससुराल व मायके वालों के बीच चल रहे वाद विवाद को लेकर पुलिस ने गुरुवार तड़के ओमकार की तहरीर पर आरोपित पति, पूर्व डीआइजी ससुर, सास पुष्पा व जेठ अधिवक्ता धनंजय के विरुद्ध दहेज प्रताड़ना व हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। तहरीर में भाई की ओर से आरोप लगाए गए हैं कि पति समेत सभी ससुरालीजन लगातार पीटकर प्रताड़ित करने के साथ व्यवसाय करने के लिए 50 लाख रुपये की मांग करते थे। लड़का पैदा करने के लिए दबाव बना रहे थे। 

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13 फरवरी वर्ष 2006 में बेटी की शादी : श्वेता सिंह गौर के गोकुलपुरी शंकरबाजार कर्वी जनपद चित्रकूट निवासी ग्वालियर मध्यप्रदेश मुख्यालय में असिस्टेंट ट्रांसपोर्ट सब इंस्पेक्टर पद पर तैनात  धर्मवीर सिंह ने 3 फरवरी वर्ष 2006 में बेटी की शादी की थी। आरोप लगाया कि बेटी के जिला पंचायत सदस्य बनने के कुछ दिनों बाद से उसका शराब कारोबारी पति डा. दीपक सिंह उसके पीछे-पीछे घूमता था। राजनीति में बेटी छा गई थी। उसकी चर्चाएं हर जगह तेज होने व बढ़ते कद  को लेकर दामाद दीपक को भय था कि वह कहीं विधायक व सांसद न बन जाए। जिसके चलते वह प्रताड़ित करने लगा था।

पत्नी के चरित्र को लेकर उठाता था सवाल : पिता के मुताबिक खुद दीपक का चाल-चलन सही नहीं था। उलटा वह उनकी बेटी पर गंभीर लांछन लगाकर दबाव बनाता था। रुपये की भी बराबर मांग करता था। इन्हीं सब कारणों से उसने हत्या कर दी है। जबकि इस संबंध में दीपक के बड़े भाई धनंजय सिंह ने बताया है कि आपसी पति-पत्नी कहासुनी होने में उसने खुदकुशी की है। अब बहू के न रहने पर इस तरह के गलत आरोप मढ़े जा रहे हैं। 

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