झारखंडराज्य

झारखंड की राजधानी रांची में दीपावली पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा निर्देश किए जारी 

झारखंड की राजधानी रांची में दीपावली के शुभ अवसर पर जिला प्रशासन ने पटाखा विक्रेताओं और आम नागरिकों को आग दुर्घटना और अन्य आपातकालीन स्थिति से बचाने के लिए विस्तृत सुरक्षा निर्देश जारी किए हैं। यह कदम पर्व के दौरान सुरक्षा को सुनिश्चित करने तथा किसी तरह की अप्रिय घटना से बचाव के लिए उठाया गया है।

“पटाखों की ध्वनि सीमा 125 डिसीबल से अधिक नहीं होनी चाहिए”

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, रांची ने पटाखा विक्रेताओं को विशेष तौर पर कई महत्वपूर्ण नियम पालन करने का आदेश दिया है। प्रशासन ने कहा है कि पटाखों की बिक्री केवल उन स्थानों पर होनी चाहिए जो पहले से प्रशासन द्वारा निर्धारित हों। इसके अलावा, पटाखा बिक्री शुरू करने से पहले अनुमति पत्र या अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है। पटाखों का भण्डारण या बिक्री बाजार, सड़क के किनारे, पेट्रोल पंप, गैस के गोदाम तथा भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर सख्ती से निषेध है। इसके अलावा पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए कम हानिकारक पटाखों की ही बिक्री करने का निर्देश दिया गया है। प्रशासन ने यह भी कहा है कि पटाखों की ध्वनि सीमा 125 डिसीबल से अधिक नहीं होनी चाहिए और नाबालिग बच्चों को इस कार्य में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। पटाखा पंडाल की बिजली की वायरिंग प्रशिक्षित और योग्य इलेक्ट्रिशियन से कराई जाए तथा आईएस आई मार्क के कॉपर तार ही इस्तेमाल किए जाएं। पंडाल में ज्वलनशील पदार्थ जैसे डीजल, केरोसीन आदि जमा नहीं करने और बच्चे व अन्य लोगों के लिए प्राथमिक चिकित्सा किट अवश्य उपलब्ध रखने का निर्देश भी दिया गया है। जलने की स्थिति में प्रभावी बचाव के लिए पर्याप्त पानी, बालू और अग्निशमन यंत्र भी पंडाल पर रखना जरूरी होगा। आम नागरिकों के लिए भी विशेष सुरक्षा निर्देश जारी किए गए हैं।

“पटाखा जलाने के लिए लकड़ी, फुलझड़ी या मोमबत्ती का प्रयोग करें”

प्रशासन ने कहा है कि पटाखे केवल अधिकृत विक्रेता से खरीदें और घर के अंदर पटाखे जलाना पूरी तरह मना है। पटाखा जलाने का समय रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच निर्धारित किया गया है। सार्वजनिक स्थानों तथा भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पटाखा जलाने से बचना चाहिए। अधिक ध्वनि वाले पटाखों को टिन, कंटेनर या कांच की बोतलों में जलाने से सावधानी बरतें। बच्चों को अकेले पटाखे जलाने न दें और लंबे या ढीले कपड़े पहनकर पटाखा जलाने से बचें। अगर कोई पटाखा फटने में विफल रहता है तो उसे हाथ से न छुएं, बल्कि उस पर पानी डालकर निष्क्रिय करें। पटाखा जलाने के लिए लकड़ी, फुलझड़ी या मोमबत्ती का प्रयोग करें और माचिस को दूरी से जलाएं। बहुमंजिला मकानों में खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें ताकि जलते पटाखे घर के अंदर न घुस पाएं। अगर किसी व्यक्ति के कपड़ों में आग लग जाए तो जमीन पर लेटकर उलट-पलटकर आग बुझाने का प्रयास करें। ऐसी किसी आपात स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाना आवश्यक है। प्रशासन ने प्राथमिक चिकित्सा किट पास में रखने और आपातकालीन स्थिति में जिला नियंत्रण कक्ष के नंबरों 0651-2215855, 8987790664, 7667985619, 7070440888 पर संपर्क करने का निर्देश भी दिया है।

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