
झारखंड के धनबाद इलाके में कोयला खदानों से कई बार गैस रिसाव की घटनाओं के बाद अब जांच टीम एक्शन में आती हुई नजर आ रही है। इसके तहत कोल इंडिया की इकाई (सीएमपीडीआईएल) की विशेषज्ञ टीम ने शुक्रवार को ड्रोन सर्वे शुरू कर दिया। यह सर्वे भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) की पुटकी-बलिहारी कोलियरी क्षेत्र के उन इलाकों में किया जा रहा है।
जहां गैस लीक होने की शिकायत मिली थी। गैस रिसाव राजपूत बस्ती, मस्जिद मुहल्ला और एरिया नंबर पांच में रिपोर्ट हुआ था। अधिकारियों ने सुरक्षा के मद्देनजर लगभग 1000 लोगों को स्थानांतरित करने का फैसला भी किया है।
समझिए पूरा मामला
बता दें कि ये पूरा मामला कुछ दिन पहले का है। जब केंदुआडिह बस्ती में ‘कार्बन मोनोऑक्साइड’ गैस के रिसाव से एक महिला की मौत हो गई थी और 12 लोग बीमार पड़ गए थे। इसके बाद स्थिति को गंभीर मानते हुए जांच शुरू की गई।
अब समझिए क्यों किया जा रहा है ड्रोन सर्वे?
बात अगर ड्रोन सर्वे करने की वजह की करें तो सीएमपीडीआईएल टीम के प्रमुख भुवनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि ड्रोन सर्वे इसलिए किया जा रहा है ताकि गैस रिसाव की असली वजह पता चल सके, लीकेज पॉइंट की पहचान हो और समस्या को रोकने के उपाय किए जा सकें।
टीम के सदस्यों ने इस बात पर भी जोर दिया कि सर्वे 400 मीटर के दायरे में किया जा रहा है। ड्रोन से मिली जानकारी सीएमपीडीआईएल के रांची ऑफिस भेजी जाएगी, जहां विशेषज्ञ डेटा का विश्लेषण करेंगे। इसमें 15–20 दिन लग सकते हैं। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित घरों और लोगों की सटीक संख्या भी पता चलेगी।
थर्मल सर्वे भी जारी
हालांकि इस जांच अभियान में ड्रोन के अलावा एक थर्मल गन से इलाके का तापमान भी मापा जा रहा है। टीम ने बताया कि अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस पाया गया, जो सर्दी के मौसम के हिसाब से सामान्य है।अधिकारियों के मुताबिक पहले हुए सर्वे में प्रभावित घरों और लोगों की सही संख्या का अनुमान नहीं लगाया जा सका था। नया सर्वे इस कमी को पूरा करेगा।





