
झारखंड के झामुमो विधायक दशरथ गगराई पर चुनाव में फर्जी पहचान पत्र इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। औपचारिक शिकायत के बाद झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं। झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के. रविकुमार ने सरायकेला-खरसावां के पुलिस उपायुक्त को शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया है।
विधायक ने शिकायत को खारिज किया
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लालजी राम तियु नामक व्यक्ति ने तीन बार खरसावां से विधायक रहे गगराई की पहचान पर सवाल उठाते हुए एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा, ‘मैंने शिकायतकर्ता के हलफनामे के साथ शिकायत को सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह को जांच के लिए भेज दिया है।’ मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव समाप्त होने और परिणाम घोषित होने के बाद विधायकों से जुड़े विवादों का निपटारा राज्य के राज्यपाल को करना होता है और सांसदों से जुड़े विवादों का निपटारा राष्ट्रपति करते हैं। वहीं विधायक ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता को सत्ता में बैठे लोगों पर ऐसे आरोप लगाने की आदत है।
आरोपों पर झामुमो विधायक दशरथ गगराई का कहना है कि, ‘मैंने जो हलफनामे और दस्तावेज जमा किए उनकी विधानसभा चुनावों में तीन बार जांच की गई। आरोप निराधार हैं। दरअसल, नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी शिकायतकर्ता अब जमानत पर बाहर हैं और सत्ता में बैठे लोगों पर ऐसे आरोप लगाने की उनकी आदत है।’
शिकायतकर्ता ने विधायक की पहचान पर उठाए सवाल
शिकायतकर्ता ने 28 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें वर्तमान विधायक की पहचान पर सवाल उठाया गया था। शिकायतकर्ता लालजी राम तियु, जो खुद को पूर्व सैनिक बताते हैं, ने आरोप लगाया कि मौजूदा विधायक दशरथ गगराई असल में रामकृष्ण गगराई हैं, जो असली दशरथ गगराई के बड़े भाई हैं। 18 सितंबर को दिए गए एक हस्ताक्षरित हलफनामे में, शिकायतकर्ता ने अपने दावों के पक्ष में दस्तावेजों और आधिकारिक रिकॉर्ड का हवाला देते हुए जांच की मांग की।