
राजधानी रांची समेत आसपास के जिलों में सोमवार को दिनभर आंशिक बादल छाए रहे। राजधानी में ठंड का असर बढ़ने लगा है।
पिछले 24 घंटे के मौसम की बात करें तो पूरे राज्य में मौसम शुष्क बना रहा। सबसे अधिक अधिकतम तापमान 29.8 डिग्री सेल्सियस चाईबासा का जबकि, सबसे कम न्यूनतम तापमान 10.3 डिग्री सेल्सियस गुमला का रहा।
वहीं, राजधानी रांची की बात करें तो अधिकतम 25.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 13.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, दूसरी ओर मौसम विज्ञान केंद्र रांची द्वारा जारी पूर्वानुमान में बताया गया है कि राज्य के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र यानी पलामू, गढ़वा, चतरा और लातेहार में न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है।
वहीं, पूरे राज्य में अगले चार दिनों के दरम्यान न्यूनतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है। जिससे ठंड का असर बढ़ेगा और लोगों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा।
आसमान में बादल छाए रहने के कारण ठंड का असर कुछ कम होगा लेकिन अगले चार दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में कमी होगी। जिसके बाद ठंड का असर बढ़ेगा और उत्तर पश्चिमी क्षेत्र से आने वाली पछुवा हवा के कारण कनकनी भी बढ़ जाएगी। लगातार बढ़ रहे ठंड के असर के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों की भी परेशानी बढ़ गई है।
डॉक्टर ने दी सलाह, बचकर रहें
रिम्स के चिकित्सक डॉ. विकास कुमार ने बताया कि बढ़ती ठंड में केवल सुबह की धूप में सैर ही लाभकारी है। शाम की सैर का ठंड और प्रदूषण के बढ़ने से परहेज करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ठंड से बचकर रहें, पौष्टिक भोजन करें और शरीर को हाइड्रेटेड रखें। नियमित व्यायाम करें, लेकिन सुबह जल्दी सैर करने से बचें, विशेषकर यदि आपको दिल या फेफड़ों की बीमारी है। इसके बजाय हल्की धूप में या शाम को टहलें। यदि कोई भी बीमारी के लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।
उन्होंने कहा कि गर्म कपड़े पहनें, हाइड्रेटेड रहें और त्वचा को सूखने से बचाएं। आहार में विटामिन डी के लिए धूप का आनंद लें और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक व मौसमी खाद्य पदार्थ खाएं। सूखे मेवे जैसे बादाम, अखरोट और किशमिश फायदेमंद होते हैं।
नियमित रूप से व्यायाम करें लेकिन बहुत सुबह और बहुत ठंडे समय में बाहर जाने से बचें। अगर आपको कोई बीमारी है तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही व्यायाम शुरू करें। हर रात 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें और तनाव को नियंत्रित करने के लिए ध्यान या गहरी सांस लेने जैसी तकनीकों का उपयोग करें।
बीमार लोगों से दूर रहें, हाथ बार-बार धोएं और चेहरे को छूने से बचें। हृदय रोगी ठंड में विशेष ध्यान रखें। डॉक्टर की सलाह के बिना दवा बंद न करें और सामान्य से अधिक खाने से बचें। श्वसन संबंधी समस्या वाले मरीज अस्थमा, सीओपीडी आदि सुबह बहुत जल्दी बाहर न जाएं।


