कैथल: चीका निवासी एक युवक को ठगों द्वारा मनी लाॅन्ड्रिंग के झूठे केस में फंसाने का डर दिखा 48 लाख रुपए ठगने का मामला सामने आया है। विनोद कुमार की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज किया गया है।
पीड़ित ने शिकायत में बताया कि उसके पास 1 अगस्त, 2024 को सुबह के समय फोन आया था। फोन करने वाले ने बताया कि वह टी.आर.ए.आई. का कर्मचारी बोल रहा है और आपके नाम से एक सिम जारी हुआ है। उस सिम से लोगों के पास गलत विज्ञापन और लोगों को परेशान करने वाले संदेश भेजे गए हैं। उसके विरुद्ध 58 शिकायतें मिल चुकी हैं। ठग ने उसे व्हाट्सएप पर वीडियो काॅल करने के लिए कहा। उसमें पुलिस की वर्दी में एक युवक बैठा था। उसने बताया कि आपके विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज हो चुकी है और गिरफ्तारी वारंट जारी हुए हैं। उसे कहा कि आप अशोक गुप्ता मनी लाॅन्ड्रिंग केस में भी शामिल हैं। इस मामले की जांच सी.बी.आई. कर रही है और जल्द ही आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मैंने बताया कि उसे किसी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ठग ने उसके पास एक लिंक भेजा और कहा कि इसमें आधार कार्ड के नंबर डाल कर अपना केस देख लो। उसने लिंक खोला तो उसमें उसका नाम भी केस में लिखा हुआ था, जिससे वह बहुत डर गया।
ठगों ने भेजे थे CBI और ED के फर्जी पत्र
विनोद कुमार ने बताया कि ठगों ने दूसरे दिन उसे फोन कर कहा कि आर.बी.आई. उसके बैंक खाते की जांच करेगी। अगर कुछ गलत नहीं मिला तो उसके पैसे वापस भेज दिए जाएंगे। गिरफ्तारी के डर से उसने अपने बैंक खाते की सारी जानकारी ठगों को भेज दी। 2 अगस्त को ठगों ने 25 लाख रुपए आर.टी.जी.एस. के माध्यम से उससे जमा करवा लिए। इसके बाद 19 लाख रुपए दूसरे खाते में जमा करवा लिए। इसके बाद 3 लाख रुपए औऱ ले लिए। 4 अगस्त को ठग ने फोन किया कि उसका पैसा ठीक हो गया है और जल्द ही उसके पैसा भेज देंगे। इसके बाद भी ठगों ने पैसे वापस नहीं भेजे। ठगों ने उसके पास सीबीआई व ई.डी. के पत्र भी भेजे थे। उस बारे में साइबर क्राइम पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करवाई हुई है। जांच अधिकारी ए.एस.आई. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।