रांची समाहरणालय स्थित एसएसपी ऑफिस में बीते शनिवार को डीजीपी अनुराग गुप्ता ने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने जिले के सभी पुलिस अधिकारियों से कहा कि राजधानी में पदस्थापित सभी पुलिस अधिकारी अपनी कार्यशैली में सुधार लायें। अगर वह अपनी कार्यशैली नहीं सुधारते हैं, तो उन्हें हटाया जायेगा।
बता दें कि डीजीपी बनने के बाद पहली बार अनुराग गुप्ता एसएसपी ऑफिस पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। डीजीपी ने सभी पुलिस कर्मियों को सख्त निर्देश दिए कि वे अपने-अपने पुलिस प्रतिष्ठानों में हमेशा वर्दी के साथ नेम प्लेट पहनें। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुलिस प्रतिष्ठानों में आने वाले सभी आगंतुकों के साथ अच्छा व्यवहार करना और उनकी समस्याओं को सुनकर उनके समाधान के लिए त्वरित और विधि सम्मत कार्रवाई करना प्रत्येक पुलिस कर्मी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि नागरिकों के प्रति पुलिस के व्यवहार में संवेदनशीलता और सहानुभूति का होना बेहद जरूरी है। पुलिस डीजीपी ने कहा कि किसी को भी वर्दी की नौकरी मिलना एक वरदान के समान है और सभी पुलिस पदाधिकारी इस वरदान का सदुपयोग आम जनता की भलाई के लिए करें। इसके बाद शाखा के पुलिस सब-इंस्पेक्टर अनुपम कच्छप की बीती रात हुई दुखद हत्या पर शोक प्रकट करते हुए, उनकी आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया।
डीजीपी द्वारा महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, सभी परिवहन स्थलों, जैसे कि बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पर्याप्त लाइटिंग और सीसीटीवी कैमरों की समय-समय पर जांच और निगरानी का निर्देश दिया। सभी थानों को पुराने अपराधियों की एक विस्तृत सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है, ताकि उन पर लगातार नजर रखी जा सके। अपराधियों की गतिविधियों पर लगातार आसूचना संकलन करने और उनकी संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखने का निर्देश दिया गया। महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक ने विशेष निर्देश दिया कि अपराध नियंत्रण के लिए प्रत्येक दिन वारंटियों की गिरफ्तारी हेतु विशेष अभियान के तहत (समकालीन) छापेमारी की जाए। मादक पदार्थों के वितरण और खरीद-बिक्री पर पूर्ण रोकथाम के लिए जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाने का संकल्प लिया गया है। इस अवसर पर डीजीपी ने जनता से अपील की कि वे पुलिस को सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।