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डीटीसी की तैयारी: अब ब्रेकडाउन बसों से नहीं लगेगा जाम, ड्राइवरों की होगी ये ट्रेनिंग

राष्ट्रीय राजधानी में अब डीटीसी की ब्रेकडाउन होने वाली बसों की वजह से जाम नहीं लगेगा। डीटीसी के बस चालक खुद ही ब्रेकडाउन बसों को बीच सड़क से तुरंत ही हटा सकेंगे। इसके लिए डीटीसी चालकों के लिए मैकेनिकल ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके अलावा डीटीसी अधिकारी खुद ही हर पल ब्रेकडाउन बस और मिस्त्री के आने-जाने के समय पर भी नजर रखेंगे।  दिल्ली यातायात पुलिस ने ब्रेकडाउन होने वाली बसों के चलते लगने वाले जाम को लेकर डीटीसी को चिट्ठी लिखी थी। दिल्ली यातायात पुलिस, डीटीसी व अन्य महकमों के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक हुई।

खास बात ये थी कि अगर कल्याणपुरी डिपो की बस द्वारका में खराब हो जाती है तो कल्याणपुरी डिपो से ही मैकेनिक द्वारका जाएगा और तभी बस ठीक होगी। मैकेनिक को कल्याणपुरी से द्वारका पहुंचने में अगर दो घंटे का समय लगता है तो बस दो घंटे तक बीच सड़क पर रहती थी। ऐसे में जाम लगने के कारण उस इलाके/मार्ग की यातायात व्यवस्था चरमरा जाती थी। डीटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गत बुधवार को डीटीसी बसों के ब्रेकडाउन की कुल 96 कॉल थीं। हालांकि इनमें से ज्यादातर कॉल बसों के स्टार्ट नहीं होने की थीं।

डीटीसी ने अब उठाए हैं ये कदम
व्हाट्सएप ग्रुप

डीटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी सूत्र ने बताया कि डीटीसी की ब्रेकडाउन होने वाली बसों को लेकर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इनमें डीटीसी आयुक्त समेत डीटीसी के सभी अधिकारी, डिपो मैनेजर और दिल्ली यातायात पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को जोड़ा गया है।

चालकों को मैकेनिकल ट्रेनिंग
बसों के ब्रेकडाउन होने के कारण लगने वाले जाम व बस वाले डिपो से मैकेनिक के जाने को लेकर अब डीटीसी अपने चालकों को मैकेनिकल ट्रेनिंग दे रही है। ताकि चालक ये बसों को बीच मार्ग से हटा सकें। चालकों को ट्रेनिंग देने को लेकर प्रत्येक डिपो मैनेजर से सर्टिफिकेट लिया जा रहा है कि उसके डिपो में तैनात चालकों को ट्रेनिंग दी गई है या नहीं।

चालक बस को कैसे हटा सकेंगे
डीटीसी अधिकारी ने बताया कि डीटीसी की बस जब खराब होती है तो उसके प्रेशर को रिलीज करना होता है। चालकों को इस नट को लूज करने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके लिए चालकों को टूल दिए गए हैं। डिपो मैनेजरों से ये भी पूछा जा रहा है कि बस के चालक व कंडेक्टर को टूल दिए गए हैं या नहीं। अब तक चालक को प्रेशर रिलीज करना होता था। प्रेशर रिलीज नहीं करने से इन बसों के पहिए जाम हो जाते थे। फिर इनको क्रेन से भी नहीं हटाया जा सकता।

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