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ड्रग्स मामले में धीमी जांच पर हाई कोर्ट सख्त, पंजाब के डीजीपी को दिए आदेश

पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने मादक पदार्थों के मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी और जांच में प्रगति न होने के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए पंजाब के डी.जी.पी. से ऐसे मामलों में जांच की प्रगति पर नजर रखने के लिए सभी एस.एस.पी. को आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा है। साथ ही उनसे ऐसे मादक पदार्थों के मामलों के बारे में भी विस्तृत जानकारी मांगी गई है, जिनमें आरोपियों को 6 महीने से अधिक समय से गिरफ्तार नहीं किया गया है।

जस्टिस एन. एस. शेखावत ने यह भी आदेश दिया कि उचित समय अवधि के भीतर गिरफ्तार न किए गए आरोपियों को तुरंत घोषित अपराधी (पी.ओ.) घोषित किया जाए और उनकी संपत्तियां कुर्क की जाएं। यह निर्देश इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अकेले बठिंडा जिले में एन.डी.पी. एस. अधिनियम के तहत दर्ज 83 आपराधिक मामलों में 97 आरोपियों को पिछले छह महीने से अधिक समय से गिरफ्तार नहीं किया गया है। कोर्ट ने पंजाब के डी.जी.पी. को निर्देश दिया कि वे पंजाब राज्य के सभी पुलिस थानों में एन. डी.पी.एस. अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज सभी मामलों का हलफनामा दाखिल करें, जहां छह महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्हें इस तथ्य का भी उल्लेख करना होगा कि ऐसे आरोपियों को घोषित अपराधी घोषित किया गया है या नहीं। पिछले 11 महीनों से गिरफ्तार नहीं किए गए आरोपी द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर उक्त निर्देश जारी किए गए हैं।

जस्टिस शेखावत ने पिछली तारीख पर बठिंडा के एस. एस.पी. को निर्देश दिया कि वे जिले भर के पुलिस स्टेशनों में एन. डी. पी. एस. अधिनियम के तहत दर्ज सभी मामलों का उल्लेख करते हुए हलफनामा दायर करें, जहां पिछले 6 महीनों से आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। कोर्ट ने कहा कि आश्चर्यजनक रूप से जिले के 19 पुलिस स्टेशनों के जांच अधिकारियों/स्टेशन हाऊस अधिकारियों द्वारा ऐसे प्रयास नहीं किए गए, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वहां के उच्च पुलिस अधिकारियों ने इन ड्रग मामलों की जांच की निगरानी नहीं की थी।

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