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तबादले के बाद भी अपना स्थान नहीं छोड़े हैं 37 अधिकारी, ओडिशा सरकार ने दी कार्रवाई की चेतावनी

प्रशासनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों का तबादला किया जा रहा है, लेकिन अधिकारी उन स्थानांतरण आदेशों का पालन नहीं करते हैं।कुछ स्थानों पर संबंधित अधिकारियों को कार्यमुक्त नहीं किया जा रहा है तो कहीं अधिकारी अपने पदों पर बने रहने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

नतीजतन, 2 जुलाई, 2024 और इस महीने की 24 तारीख के बीच कुल 37 स्थानांतरण आदेश पूरी तरह से लागू नहीं किए गए हैं।ऐसे प्रशासनिक संकट को देखते हुए मोहन माझी की सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है।

अधिकारियों के खिलाफ होगा एक्शन

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर स्थानांतरित अधिकारियों को इस महीने की 31 तारीख तक कार्यमुक्त नहीं किया जाता है, तो इसे सरकार के आदेश का उल्लंघन माना जाएगा और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य सचिव ने दिए ये आदेश

सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुरेंद्र कुमार ने सभी विभागीय सचिवों, विभागाध्यक्षों और जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर तबादला आदेश के आधार पर ओएएस अधिकारियों को कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए हैं।अपने पत्र में उन्होंने कहा कि बार-बार याद दिलाने के बावजूद ओएएस के वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों को उनके वरिष्ठों द्वारा लागू नहीं किया जा रहा है।जिन अधिकारियों का तबादला किया गया है, उनमें से अधिकांश को उनके वर्तमान पदों से मुक्त नहीं किया गया है या उन्होंने नई जिम्मेदारियां नहीं ली हैं।

इस तबादला आदेश के लागू नहीं होने से सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन और लोगों को समयबद्ध तरीके से सेवाओं के वितरण में गंभीर प्रशासनिक समस्याएं पैदा हो गई हैं।

इसके अलावा, स्थानांतरण आदेश के बावजूद, स्थानांतरण का वास्तविक उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है क्योंकि अधिकारियों को लंबे समय से कार्यमुक्त नहीं किया गया है। कुमार ने कहा कि यह सरकार के आदेशों की घोर अवहेलना है, जिसके लिए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की आवश्यकता है।

उन्होंने राज्य सरकार द्वारा दो जुलाई से 24 जनवरी के बीच जारी 37 तबादला नोटिसों की एक विस्तृत सूची दी और उनके नियंत्रण अधिकारियों को 31 जनवरी की दोपहर तक स्थानांतरित अधिकारियों को कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए।

यदि वे 31 फरवरी तक आदेश को लागू नहीं करते हैं, तो स्थानांतरित अधिकारियों को 1 फरवरी को दोपहर तक कार्यमुक्त माना जाएगा। राहत प्राप्त अधिकारियों को उनकी रिहाई के दो दिनों के भीतर अपनी नई जिम्मेदारियां संभालने का भी निर्देश दिया गया है।

कुमार ने चेतावनी दी कि अगर आदेश का अनुपालन नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने जुलाई 2024 में आठ स्थानांतरण आदेश, अगस्त में छह स्थानांतरण आदेश, सितंबर में तीन, अक्टूबर में दो, नवंबर में पांच, दिसंबर में चार और इस साल जनवरी में चार स्थानांतरण आदेश तत्काल लागू करने की भी मांग की।

मांझी सरकार में बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले
गौरतलब है कि राज्य में मोहन मांझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद कहा जा रहा है कि अधिकारी प्रशासनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अपनी जिम्मेदारियों और पदों में बदलाव कर रहे थे, लेकिन अपने वरिष्ठ अधिकारियों (आईएएस अधिकारियों) की मदद से उन्हें लंबे समय तक कार्यमुक्त नहीं किया गया और स्थानांतरण आदेश रद्द करने की कोशिश की जा रही थी।

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