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ताइवान में आया 6.3 तीव्रता का भूकंप

ताइवान के पूर्वी शहर हुआलिएन के पास 34 किमी (21 मील) दूर 6.3 तीव्रता का एक और भूकंप आया। मौसम विभाग के अनुसार, 24 घंटे के भीतर द्वीप पर यह दूसरा बड़ा भूकंप था। फिलहाल, इस भूकंप से किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। भूकंप के चलते ताइवान की राजधानी ताइपे में इमारतें हिल गईं और मेट्रो समेत अन्य परिवहन सेवाएं धीमी हो गईं।

मौसम विभाग के अनुसार, भूकंप की गहराई 9.7 किमी थी। इससे पहले गुरुवार को ताइवान के उत्तरपूर्वी क्षेत्र में 5.7 तीव्रता का भूकंप आया था। ताइवान भूकंप के प्रति हमेशा संवेदनशील रहा है। अप्रैल में आए एक भूकंप में 17 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे, साथ ही नौ मिनट के भीतर लगातार पांच झटके महसूस किए गए थे।

भूकंप क्यों आते हैं?
पृथ्वी के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं, जो लगातार गति में रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन बनती है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ने लगते हैं और जब अत्यधिक दबाव बनता है, तो प्लेट्स टूट जाती हैं। इससे निकलने वाली ऊर्जा बाहर की ओर आती है, जिससे भूकंप का अनुभव होता है।

भूकंप के केंद्र और तीव्रता का मतलब
भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जहां प्लेट्स में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन अधिक होता है। कंपन की तीव्रता दूर जाने पर कम होती है। रिक्टर स्केल पर 7 या उससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप आसपास के 40 किमी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि भूकंप की आवृत्ति उपर की ओर है या दायरे में।

भूकंप की तीव्रता और मापने के पैमाने
भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल से मापा जाता है, जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल भी कहते हैं। इस स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के मानक पर मापा जाता है। यह स्केल भूकंप के केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा की तीव्रता को मापता है और इससे भूकंप के प्रभाव का अंदाजा लगाया जाता है।

रिक्टर स्केल पर भूकंप के प्रभाव

  • 0 से 1.9: केवल सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
  • 2 से 2.9: हल्का कंपन।
  • 3 से 3.9: जैसे कोई ट्रक पास से गुजर रहा हो।
  • 4 से 4.9: खिड़कियां टूट सकती हैं और दीवारों पर लगे फ्रेम गिर सकते हैं।
  • 5 से 5.9: फर्नीचर हिल सकता है।
  • 6 से 6.9: इमारतों की नींव दरक सकती है और ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
  • 7 से 7.9: इमारतें गिर सकती हैं और जमीन के नीचे पाइप फट सकते हैं।
  • 8 से 8.9: बड़ी इमारतें और पुल गिर सकते हैं, सुनामी का खतरा हो सकता है।
  • 9 और इससे अधिक: पूरी तबाही, यदि कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी, समंदर के पास होने पर सुनामी का खतरा भी हो सकता है।

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