महिला ने बताया था कि उसने अपनी बेटी नीतू की शादी नवंबर 2019 में भागेश्वरी निवासी अमित से की थी। अमित नैवी में तैनात है और शादी के कुछ दिन बाद ही ससुराल पक्ष के लोगों ने उसकी बेटी नीतू को दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
चरखी-दादरी में दहेज हत्या के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायधीश पुरुषोत्तम कुमार ने पति, सास और ससुर को दोषी ठहराते हुए शुक्रवार को सजा सुनाई है। तीनों दोषियों को 10-10 साल की कैद और 15-15 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना न भरने की सूरत में उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।
जानकारी के अनुसार मई 2021 में बौंदकलां थाने में मिसरी निवासी कमला देवी ने शिकायत दी थी। महिला ने बताया था कि उसने अपनी बेटी नीतू की शादी नवंबर 2019 में भागेश्वरी निवासी अमित से की थी। अमित नैवी में तैनात है और शादी के कुछ दिन बाद ही ससुराल पक्ष के लोगों ने उसकी बेटी नीतू को दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
कमला का आरोप था कि दहेज को लेकर उसकी बेटी के साथ मारपीट भी की गई और ये बातें नीतू ने ही उसे बताई थी। 4 मई 2021 को नीतू के ससुर सत्यदेव ने उन्हें सूचना दी कि नीतू ने अंदर से कमरा बंद कर रखा है। इसके बाद जब नीतू के मायके पक्ष के लोग ससुराल पहुंचे तो नीतू का शव पंखे पर बंधे फंदे से लटकता मिला। कमला के बयान पर पुलिस ने नीतू के पति अमित, सास राजबाला और ससुर सत्यदेव के खिलाफ धारा 498-ए, 354,304-बी व 34 के तहत केस दर्ज किया था।
इस मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायधीश पुरुषोत्तम कुमार ने तीनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। कोर्ट ने उनकी सजा में नरमी बरतने से इंकार कर दिया।