
हाल ही में अवैध बोरवेल को लेकर दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की तरफ से राजस्व के 11 जिलों को लेकर एनजीटी में रिपोर्ट सौंपी गई है। जल विभाग ने पाया कि सभी जिलों में कुल 20297 अवैध बोरवेल हैं।
राजधानी में धड़ल्ले से चले अवैध बोरवेल के खिलाफ आखिरकार राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेशों का असर दिखाई देने लगा है। हाल ही में अवैध बोरवेल को लेकर दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की तरफ से राजस्व के 11 जिलों को लेकर एनजीटी में रिपोर्ट सौंपी गई है। जल विभाग ने पाया कि सभी जिलों में कुल 20297 अवैध बोरवेल हैं। इनमें से संबंधित जिलाधिकारी ने 15962 बोरवेल को सील किया है।
रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उत्तर पश्चिमी जिला में सबसे अधिक भूजल का अवैध दोहन हो रहा है। यहां डीजेबी को 9020 अवैध बोरवेल मिले। इसमें 6730 बोरवेल पर कार्रवाई करते हुए डीएम ने शिकंजा कसा है। साइट के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अवैध बोरवेल और अवैध आरओ प्लांट को सील कर दिया गया था। निरीक्षण रिपोर्ट की सत्यता को प्रमाणित करने के लिए फोटो भी लगाए है। इससे पहले अदालत ने न्यायमित्र, सीईओ, डीजेबी और सभी उपायुक्तों राजस्व के जिलाधिकारी को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था।
अदालत अवैध भूजल दोहन पर सुनवाई कर रहा था। इससे पहले अदालत ने दिल्ली सरकार के डिविजनल कमिश्नर आयुक्त को निर्देश दिया था कि वे जल निकायों के पुनरुद्धार और भूजल पुनर्भरण के लिए 19,62,95,000 रुपये की राशि के उपयोग करे। साथ ही, एक महीने के अंदर डीजेबी, सीजीडब्ल्यूए, राज्य नमभूमि प्राधिकरण और डीपीसीसी के परामर्श से एक कार्य योजना तैयार करें। अगले तीन महीनों के भीतर राशि का उपयोग करें।