केरल के मलप्पुरम जिले में एमपॉक्स संक्रमण का एक संदिग्ध मामला सामने आया है। यहां हाल ही में दुबई से लौटे एक व्यक्ति में इस बीमारी के लक्षण पाए गए हैं। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि लक्षण दिखने पर व्यक्ति ने एहतियाती कदम उठाते हुए खुद को अपने परिवार से अलग कर लिया है और फिलहाल वह यहां ‘मंजेरी मेडिकल कॉलेज’ में भर्ती है।
मंत्री ने दिल्ली में मीडिया से कहा, “संदिग्ध के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं और परिणाम की प्रतीक्षा है।” इससे पहले दिन में एक जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मरीज कुछ दिन पहले केरल आया था और बीमार पड़ने पर उसे पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अधिकारी ने कहा, ‘‘वहां से उसे मंजेरी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। यह संदेह होने पर कि यह एमपॉक्स का मामला हो सकता है, हमने जांच के लिए उसके नमूने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज भेजे। जांच रिपोर्ट मिलने का इंतजार है।”
पिछले सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी में एमपॉक्स का एक नया मामला सामने आया था जहां हरियाणा के हिसार निवासी 26 वर्षीय व्यक्ति में वायरस की पुष्टि हुई और उसे दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे एक अकेला मामला बताया था, जो जुलाई 2022 से भारत में पहले दर्ज किए गए 30 मामलों की तरह था और कहा कि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा रिपोर्ट की गई वर्तमान सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति का हिस्सा नहीं था, जो एमपॉक्स के क्लेड एक के बारे में है।
इसमें कहा गया था कि हिसार निवासी 26 वर्षीय व्यक्ति पश्चिमी अफ्रीकी क्लेड-2 के एमपॉक्स वायरस के लिए पॉजिटिव पाया गया। डब्ल्यूएचओ ने पिछले महीने अफ्रीका के कई हिस्सों में इसकी व्यापकता और प्रसार को देखते हुए दूसरी बार एमपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) घोषित किया था। एमपॉक्स संक्रमण आम तौर पर केवल पीड़ित तक सीमित रहता है।
यह दो से चार सप्ताह तक रहता है और इसके रोगी आमतौर पर चिकित्सा देखभाल से स्वस्थ हो जाते हैं। यह संक्रमित रोगी के साथ लंबे समय तक और निकट संपर्क में रहने से फैलता है। केरल में संदिग्ध एमपॉक्स का मामला हाल ही में निपाह संक्रमण के कारण 24 वर्षीय एक युवक की मौत के बाद मलप्पुरम जिले में नियंत्रण क्षेत्र स्थापित किए जाने के मद्देनजर सामने आया है। सरकार ने रविवार को पुष्टि की है कि नौ सितंबर को मरने वाला व्यक्ति निपाह वायरस से संक्रमित था।
निपाह संक्रमण के इलाज के दौरान मलप्पुरम के एक लड़के की 21 जुलाई को मृत्यु हो गई। यह इस वर्ष राज्य में निपाह संक्रमण का पहला पुष्ट मामला था। कोझीकोड जिले में 2018, 2021 और 2023 में तथा एर्नाकुलम जिले में 2019 में निपाह का प्रकोप सामने आया था। कोझिकोड, वायनाड, इडुक्की, मलप्पुरम और एर्नाकुलम जिलों के चमगादड़ों में निपाह वायरस ‘एंटीबॉडी’ की उपस्थिति पाई गई है।