दिल्ली

दिल्ली: चिड़ियाघर में तोते को गूलर… हिरण को त्रिफला पसंद

राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में अब वन्यजीव जंगली फल और प्राकृतिक बीजों का स्वाद चखेंगे। वन्यजीवों की बदली डाइट में अब औषधीय गुणों से भरपूर कंद-मूल फल भी दिया जाएगा। 

यह पहली बार है कि वन्यजीवों के भोजन में इस तरह के उत्पादों को शामिल किया है। इसमें बनखजूर, जंगल जलेबी, गूलर, बरगद के बीज, त्रिफला, कैत, बेल, पियार, आंवला, बेर, चिरौंजी, महुआ व करोंदा के साथ अन्य जंगली फल खाने में दिए जाएंगे। हालांकि, इसकी शुरुआत हो गई है। इसमें पक्षियों व हिरण प्रजाति के जीवों को गूल व त्रिफला दिया जाना शुरू कर दिया गया है। विशेषकर पक्षी इनका बड़े चाव से सेवन कर रहे हैं।

वन्यजीवों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
चिडिय़ाघर में रहने वाले वन्यजीवों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि वन्यजीवों को एक जंगल का माहौल देना जरूरी है। इससे वह स्वस्थ और उनके खाने की क्षमता ठीक बनी रहती है। चिड़ियाघर प्रबंधन के अधिकारियों ने बताया कि यह विशेष पहल का हिस्सा है। जानवरों को उनके भोजन में जंगली फलों व प्राकृतिक बीजों को अतिरिक्त दिया जा रहा है। इससे उनके स्वास्थ्य ठीक रहेगा। जिस वन्यजीव को जो जंगली फल पसंद हैं, वह देना अहम है। उन्होंने बताया कि तोते को गूलर और हिरण प्रजाति को त्रिफला काफी पसंद होता है। ऐसे में उन्हें वह दिया जा रहा है। 

मौसम के आधार पर डाइट
बता दें, अब तक वन्यजीवों को भोजन में इन जंगली फलों को नहीं दिया जाता था। केवल वन्यजीवों को मौसम के आधार पर डाइट दी जाती थी। जिसमें शाकाहारी जीवों को गर्मी में भोजन में तरबूज, खीरा, ककड़ी, हरी पत्तियां समेत कई चीजें दी जाती हैं। ताकि वन्यजीवों के शरीर में पानी की मात्रा बनी रहे।

देशी प्रजाति के पौधों को दिया जाएगा बढ़ावा
चिड़ियाघर प्रबंधन से जुड़े एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में यहां देशी प्रजाति के पौधों को लगाया जाएगा। इससे यहां का वातावरण वन्यजीवों के अनुकूल रहेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए विशेष रूप से ड्राइव भी चलाई जाएगी। वह कहते हैं कि बरसात का मौसम करीब है, जिसमें इन पौधों को लगाया जाएगा। इसमें फलदार पौधे अधिक होंगे। इससे वन्यजीव इनका अधिक मात्रा में सेवन कर सकें। 

अब बाहर से लाकर दिए जाएंगे फल
वन्यजीवों को जंगली फलों व औषधीय गुणों से भरपूर अतिरिक्त भोजन दिया जा रहा है। यह विशेष पहल का हिस्सा है। अभी जंगली फल चिड़ियाघर के अंदर जो पेड़ हैं, उनसे दिया जा रहा है। जल्द ही बाहर से भी इनकी व्यवस्था की जाएगी। -डॉ. संजीत कुमार, निदेशक, चिड़ियाघर

200 से अधिक प्रजाति के हैं पेड़
चिड़ियाघर में फल वाले वृक्ष व झाड़ियां भरपूर मात्रा में हैं। 200 से अधिक किस्मों के पेड़ हैं। इसमें बनखजूर, नीम, कचनार, जामून, आंवला, गूलर, त्रिफला, अशोक, करौंदा, महुआ, इमली, अर्जुन, शीशम समेत कई प्रजाति के पेड़ हैं। यह देश के सबसे विशाल प्राणी उद्यानों में से एक है। यह 176 एकड़ में फैला हुआ है। यह लगभग 94 प्रजातियों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 1200 वन्य जानवरों का घर है और देसी और विदेशी पक्षियों की एक विस्तृत विविधता का दावा करता है।

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