
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) अब कागज की गुलाबी व सफेद टिकटों से पूरी तरह छुटकारा पाने जा रहा है। सितंबर अंत तक डीटीसी का टिकटिंग सिस्टम पूरी तरह डिजिटल हो जाएगा। इसके बाद यात्रियों को टिकट खरीदने के लिए सिर्फ ई-पीओएस मशीन या मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करना होगा। डीटीसी ने राजघाट-2, कालकाजी और हसनपुर डिपो की करीब 700 बसों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया जो सफल रहा।
अब कैनरा बैंक के सहयोग से 7,000 से अधिक ई-पीओएस मशीनें खरीदी जा रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही यह व्यवस्था क्लस्टर बसों में भी लागू की जाएगी। नई मशीनें जीपीएस-सक्षम होंगी। इनके जरिए न केवल टिकटिंग होगी बल्कि बसों की लोकेशन, भीड़भाड़, आगमन और प्रस्थान का वास्तविक समय (रियल-टाइम) डाटा भी मिलेगा। इससे सरकार को रूट रेशनलाइजेशन और समयसारिणी तय करने में मदद मिलेगी। महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा (पिंक टिकट) पर भी नियंत्रण होगा।
अभी कई बार कंडक्टर बिना जांचे टिकट जारी कर देते हैं जिससे सरकार को अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है। डिजिटल टिकटिंग से यह गड़बड़ी रुक जाएगी। यात्री ऑनलाइन भुगतान, यूपीआई, व्हाट्सएप, वन दिल्ली ऐप, चार्टर ऐप और टुम्मोक ऐप से टिकट खरीद सकेंगे।
ऑनलाइन सुविधा न होने पर नकद टिकट
जिनके पास ऑनलाइन सुविधा नहीं है वे नकद देकर टिकट ले सकेंगे। हर सीट के पीछे क्यूआर कोड चिपकाया जाएगा। जल्द ही डीटीसी का नया ऐप भी लॉन्च होगा। महिलाओं के लिए मशीन से टिकट निकलेगा लेकिन उन्हें भुगतान नहीं करना होगा।