दिल्ली और पंजाब फतह के बाद आम आदमी पार्टी छोटे-छोटे कदमों से अन्य राज्यों में विस्तार करने में जुटी है। सिंगरौली में मेयर चुनाव जीतकर पार्टी ने मध्य प्रदेश में दस्तक दे दी है। अब पार्टी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटेगी।
इससे पहले, गुजरात के सूरत नगर निगम चुनावों में आप मुख्य विपक्षी दल बन चुकी है। हिमाचल और गुजरात के विधानसभा चुनावों पर पार्टी का फोकस है। इसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यक्रम इन राज्यों में तय किए जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी निगम और पंचायत के चुनावों के जरिये संगठन को मजबूत करने में जुटी है। गुजरात में पार्टी के बड़े नेता सूरत से आते हैं और इसका फायदा उसे निगम चुनाव में भी मिला। आप ने कांग्रेस को पछाड़ते हुए 27 सीटें जीतीं और निगम में मुख्य विपक्ष बन गई। वहीं, मध्य प्रदेश के सिंगरौली में मेयर के साथ आप के पांच पार्षद भी जीते हैं। इसके अलावा नगर पालिकाओं में मुरैना, भिंड और रीवा में भी सीट जीतकर आप जनाधार बढ़ाने में जुटी है। पार्टी गुजरात में सभी 182 विधानसभा सीटों और मध्य प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
सिंगरौली जीतने की रणनीति कारगर रही
सिंगरौली से आप प्रत्याशी रानी अग्रवाल मामूली अंतर से हार गई थीं। इसके बाद पार्टी ने उन्हें मेयर पद के लिए उम्मीदवार बनाया। कांग्रेस के यहां कमजोर पड़ने से आप के लिए अच्छा अवसर था। जीत की संभावना को देखते हुए अरविंद केजरीवाल भी सिंगरौली पहुंचे और मध्य प्रदेश में आप का पहला मेयर बन गया। पहले यह सीट भाजपा के पास थी। मध्य प्रदेश में आप प्रभारी मुकेश गोयल ने बताया कि ग्वालियर में भी आप ने 8 फीसदी वोट हासिल किए हैं। जहां जहां आप को ज्यादा वोट मिले हैं, वहां ज्यादा फोकस किया जाएगा। पार्टी इस बार मध्य प्रदेशकी सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
इन पर फोकस
● बिजली बिल पर छूट का वादा, गुजरात में बिजली आंदोलन शुरू।
● बीते चुनावों में जहां ज्यादा वोट मिला वहां ज्यादा फोकस।
● निगम और पंचायतों के चुनाव में हिस्सा लेकर जनाधार बढ़ाना।
● मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रोड शो के साथ साथ टाउनहाल के जरिये सीधा संवाद।
● राज्यों को चिह्नित कर वहां काम करना।