दिल्ली में बच्चों में टोमैटो फ्लू यानी हैंड फुट और माउथ डिजीज (एचएफएमडी) का संक्रमण बढ़ रहा है। एम्स, सफदरजंग और आरएमएल जैसे बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों का कहना है कि वे हर रोज ओपीडी में ऐसे मामले देख रहे हैं। आरएमएल अस्पताल के त्वचा रोग विभाग के डॉक्टर भावुक धीर ने बताया कि ओपीडी में आने वाले रोजाना 100 बच्चों में से तीन से चार इस बीमारी से संक्रमित मिल रहे हैं। टोमैटो फ्लू से घबराने की बात नहीं है क्योंकि इस बीमारी से पीड़ित 95 से अधिक घर पर ही ठीक हो रहे हैं।
बच्चों को अधिक खतरा पर वयस्क भी सावधान रहें
यह बीमारी आमतौर पर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। इसके मामले मिलने की वजह से दिल्ली के कई स्कूल बंद हो चुके हैं। यह एक संक्रामक बीमारी है। जहां कई बच्चे एक साथ रहते हैं वहां इसके फैलने की आशंका अधिक होती है। हालांकि इससे वयस्कों को भी सावधान रहने की जरूरत है। यह फ्लू वयस्कों को भी संक्रमित कर सकता है।
क्या है टोमैटो फ्लू
आरएमएल के डॉक्टर भावुक धीर ने बताया कि टोमैटो फ्लू कोई अलग बीमारी नहीं है बल्कि हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज का ही एक प्रकार है। यह बीमारी कॉक्ससेकी वायरस ए16 (एक गैर पोलियो एंटरोवायरस) के कारण होती है, जो अत्यधिक संक्रामक होता है। यह बीमारी नाक, गले, फफोले से तरल पदार्थ और फेको-ओरल मार्ग से फैलती है।
किस तरह फैलता है संक्रमण
– संक्रमित व्यक्ति के शरीर के दानों से निकलने वाले फ्लूइड के संपर्क में आने से
– संक्रमित व्यक्ति के साथ बाथरूम इस्तेमाल करने से
– मुंह की लार के संपर्क में आने से भी फैल सकती है
– मुंह के तालू पर भी छाले हो सकते हैं।
क्या हैं लक्षण
– बुखार, थकान, त्वचा पर लाल छाले हो जाते हैं।
– मुख्य रूप से हाथ, पैर, घुटने और नितंब पर लाल छाले दिखाई देते हैं।
– त्वचा पर हुए घाव को खरोंचना नहीं चाहिए।
कब दिखते हैं
– संक्रमित के संपर्क में आने के तीन से पांच दिन बाद लक्षण दिख सकते हैं।
– लक्षण पांच से आठ दिन तक रह सकते हैं।
क्या करें
बच्चों का सामान्य उपचार किया जा रहा है। उन्हें पैरासिटामोल दिया जा रहा है। बहुत सारे तरल पदार्थ का सेवन करने को कहा जा रहा है। बच्चों को सात दिनों तक क्वारंटाइन कर देना चाहिए।